85 बच्चों का हुआ निशुल्क स्वर्ण प्राशन
U-आयुर्वेद की यह विधा बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी कारगर है: डॉ वंदना
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। शनिवार को आयुर्वेदाचार्य डॉ. वंदना पाठक द्वारा एकदिवसीय निशुल्क स्वर्ण प्राशन संस्कार कैम्प का आयोजन आरोग्य क्लिनिक, लालबंगला, स्वास्थ्य केंद्र विवि एवं राजकीय बाल गृह कल्याणपुर में किया गया। इस अवसर पर आयुर्वेदाचार्य डॉ वंदना पाठक ने 85 बच्चों का निशुल्क स्वर्ण प्राशन किया गया। सभी बच्चो एवं उनके अभिभावकों को अचानक बढ़ती हुई गर्मी के बारे मे जानकारी दी गई।
इस अवसर पर आयुर्वेदाचार्य डा पाठक ने उपस्थित अभिभावकों और लोगों को ग्रीष्मऋतु के अनुसार आहार-विहार और रोगों से बचाव पर विशेष रूप से परामर्श दिया और कहा कि ग्रीष्म ऋतु में तला -भुंजा और मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए। इस ऋतु में हरी पत्तेदार सब्जियां और ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए जिससे शरीर में पानी की कमी ना हो सके इसके लिए लस्सी, आम पना, नारियल पानी, नींबू पानी और मौसमी फल जैसे खीरा और तरबूज इत्यादि खाना चाहिए।
स्वर्णप्राशन संस्कार के बारे में कहा कि आयुर्वेद की यह विधा बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी कारगर है। भारतीय संस्कृति में प्रचलित 16 संस्कारों में से एक संस्कार है। यह बच्चों के शारीरिक, मानसिक विकास में विशेष योगदान करता है। जिन बच्चों मैं यह संस्कार नियमित रूप होता है, उनमें मौसम और वातावरणीय प्रभाव के कारण होने वाली समस्याएं अन्य बच्चों की अपेक्षा कम देखी गयी हैं। स्वर्णप्राशन में प्रयुक्त होने वाली औषधि स्वर्ण भस्म, वच, गिलोय, ब्राह्मी, गौघृत, मधु आदि द्रव्यों के सम्मिश्रण से बनाया जाता है। उन्होंने कहा बच्चों को नियंत्रित करने के लिए डांटना, पीटना आदि भी उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। अतः बच्चों को प्यार से समझाना चाहिए। इस अवसर पर शिक्षिका सुमन वर्मा एवं अनुराग मिश्रा भी उपस्थितथे|