आईजीआरएस रैंकिंग में औंधे मुंह गिरा कानपुर जिला
U-बीस अंक लुढ़क कर कानपुर की रैंकिंग पहुंची 61 वें स्थान पर
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। जिलाधिकारी कई प्रयास के बाद भी अफसरों और कर्मचारियों की लंबी फौज भी आईजीआरएस की रैंकिंग को संभालने में नाकामयाब साबित हो रही है।
पिछले महीने काफी सुधरी रैंकिंग फिर चारों खाने चित्त हो गई है। इस दफा कानपुर 20 पायदान पीछे चला गया है। यानि अप्रैल में जारी रैकिंग में कानपुर का जहां 41वां स्थान रहा वहीं मई में रैंकिंग 61वां स्थान मिला है।निगरानी ढाक के तीन पात बराबर नजर आती है।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह जनता दरबार लगाकर लोगों की शिकायत सुन रहे और अधिकारियों को आदेश निर्देश भी दे रहे हैं, लेकिन उसका असर अधिकारियों पर नहीं पड़ रहा हैं। आईजीआरएस की शिकायतें की निगरानी के लिए डीएम ने अफसरों और कर्मचारियों की फौज लगा रखी है। लेकिन निगरानी ढाक के तीन पात तक ही सीमित हो रही है। फरवरी में जिले की रैंक 61वीं थी तो मार्च दफा 41 वीं अब फिर अप्रैल में 61वीं रैंक मिली। फरवरी में 140 में 103 अंक थे मार्च में 106 अंक मिले और अप्रैल में 103 अंक मिले हैं। फरवरी में 73.57 प्रतिशत थे तो मार्च में 75.71 प्रतिशत अप्रैल में 73.57 अंक हैं।
- 10121 शिकायते अप्रैल में आई
अप्रैल में कानपुर नगर में 10121 शिकायतें अलग-अलग विभागों में आईजीआरएस के माध्यम से प्राप्त हुई हैं।18276 शिकायतों में फीडबैक लिए गए। इनमें 4759 लोगों ने फीडबैक लेने पर कार्रवाई से असंतुष्ट रहे है।