विवि में भारत विजय के लिए महाचण्डी यज्ञ का आयोजन
U- दीनदयाल शोध केंद्र के आचार्यों व विद्यार्थियों ने किया श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ
U-"एक शाम-राष्ट्र के नाम" सांस्कृतिक संध्या में देश भक्ति गीतों से गूंज उठा विवि
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में भारतीय सेना के अदम्य साहस और अप्रितम शौर्य को नमन करते हुये भारत-पाकिस्तान के मध्य चल रहे अघोषित युद्ध में भारत की भव्य विजय व सैनिकों की दीर्घ आयु की कामना पूर्ति के लिये शनिवार को विश्वविद्यालय परिसर स्थित श्री विशेश्वर महादेव मंदिर में दीनदयाल शोध केंद्र के आचार्यों व विद्यार्थियों के द्वारा महाचण्डी यज्ञ का आयोजन किया गया है।
यज्ञ में मुख्य यजमान के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक, कुलप्रतिष्ठा आयुर्वेदाचार्या डॉ वंदना पाठक, प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी जी ने भारत को अघोषित युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए भगवती माता का पूजन किया, दीन दयाल शोध केंद्र के आचार्यों के द्वारा श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ, बीज मंत्र का जाप व उसके बाद हवन कराया गया। कुलपति ने कहा कि जब भारत-पाकिस्तान के मध्य अघोषित युद्ध की स्थिति बनी हुई है, यज्ञ का यह आयोजन हमें आत्मबल और राष्ट्रबल दोनों की साधना का संदेश देता है। दीन दयाल शोध केंद्र के आचार्यों और विद्यार्थियों द्वारा आयोजित यह यज्ञ हमें यह स्मरण कराता है कि भारत की सनातन संस्कृति में कर्म और साधना, दोनों ही समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। यज्ञ के इस पवित्र अवसर पर हम सभी यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन निष्ठापूर्वक करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने सैनिकों की दीर्घीयु के लिए कामना करनी चाहिए, उनके कारण ही हम सब अपने घरों में सुरक्षित हैं।
महाचन्डी यज्ञ में दीन दयाल शोध केंद्र के सहायक निदेशक डॉ दिवाकर अवस्थी, डॉ श्रवण कुमार द्विवेदी, आचार्य संगम बाजपेयी, आचार्य विनय त्रिवेदी के साथ कर्मकांड एवं ज्योतिर्विज्ञान विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे। वहीं दूसरी ओर शाम को भारतीय सेना के उत्साह व सम्मान में अभिवृद्धि के लिए प्रशासनिक भवन में "एक शाम-राष्ट्र के नाम" सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया है। जिसमें तरंग बैंड द्वारा देश भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी गई। माँ तुझे सलाम, घर से युद्ध के लिए जाते सैनिक की गाथा, भारत माता की जय जयकार आदि गीतों ने सभी श्रोताओं के अंदर राष्ट्रभक्ति का भाव जाग्रत कर दिया। इस अवसर पर शिक्षक व भारी मात्रा में छात्र छात्राएं मौजूद रहे।