यूपीयूएमएस में शोध क्षेत्र में हुई नए अध्याय की शुरुआत
*कुलपति ने "वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन"(ओनोस)का किया शुभारंभ
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस सैफई (इटावा)
उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के कुलपति प्रो डॉ. पी.के जैन "वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन"का शुभारंभ कर शोध क्षेत्र में एक नए अध्याय को शुरू किया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने माननीय प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप ओनोस योजना के तहत देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्रों, संकाय सदस्यों और शोधकर्ताओं को अंतर्राष्ट्रीय उच्च प्रभाव वाली विद्वतापूर्ण शोध लेखों और पत्रिकाओं तक नि:शुल्क पहुंच प्रदान करने की पहल की है।यह योजना उच्च गुणवत्ता वाली शोध सामग्री तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाती है, जिसे पहले वित्तीय बाधाओं या संस्थागत सदस्यता की कमी के कारण प्राप्त करना कठिन था इसलिए ओनोस से जुड़ना निसंदेह विश्वविद्यालय के लिए आज एक बड़ा दिन है।
कुलपति ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय में इस योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु के ओनोस नोडल अधिकारी डॉ. कमल पंत और शोध गंगा के नोडल अधिकारी डॉ. विनय गुप्ता के निरंतर और अथक प्रयासों के लिए हार्दिक सराहना की जाती है। इस संदर्भ में उनके सामूहिक प्रयासों से सभी संकाय सदस्य, छात्र एवं शोधकर्ता निश्चित रूप से शोध के क्षेत्र में लाभान्वित होंगे।
आईए जानते हैं "वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन"(ओनोस)क्या है?
डॉ कमल पंत ने बताया ओनोस सब कुछ प्रबंधित करता है ताकि आपको कई प्लेटफ़ॉर्म पर सदस्यता लेने की ज़रूरत न पड़े। सिर्फ़ एक सदस्यता आपको अपनी ज़रूरत की सभी सामग्री और सेवाओं तक पहुँच प्रदान करती है, जिससे आपका अनुभव सरल हो जाता है और आपका समय और प्रयास बचता है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र, ओनोस योजना भारत सरकार द्वारा अनुमोदित एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य देश भर में विद्वानों के शोध लेखों और पत्रिका प्रकाशनों तक पहुंच बढ़ाना है।
डॉ विनय कुमार गुप्ता, ने बताया कि यह योजना उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए शैक्षणिक संसाधनों तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने के लिए तैयार की गई है, जिससे विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को लाभ मिलेगा।ओनोस हमारे विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय स्तर पर योजना के कार्यान्वयन की पहल की है, जिसके अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय उच्च प्रभाव वाली विद्वतापूर्ण शोध लेखों और पत्रिकाओं तक नि:शुल्क पहुंच विश्वविद्यालय की वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है।
यह योजना एक ही मंच के माध्यम से 30 अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित 13,000 से अधिक पत्रिकाओं तक निर्बाध पहुंच प्रदान करेगी। इसके अलावा, इससे 6,500 से अधिक सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों और शोध सुविधाओं के लगभग 1.38 करोड़ छात्र, संकाय और शोधकर्ता लाभान्वित होंगे।कार्यक्रम में प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ. रमाकांत ,डॉ चंद्रवीर, प्रभारी लाइब्रेरी डॉ अमितकांत,चीफ लाइब्रेरियन विनोद पटेल उपस्थित रहे।