आईआईटी कानपुर में 18वीं वार्षिक भूकंप-प्रतिरोधी डिज़ाइन का वर्कशॉप
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | आईआईटी कानपुर स्थित नेशनल इन्फॉर्मेशन सेंटर ऑफ़ अर्थक्वेक इंजीनियरिंग (एनआईसीईई) की ओर से आर्किटेक्चर के स्नातक छात्रों के लिए भूकंप-प्रतिरोधी डिज़ाइन अभ्यासों पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है. बता दें कि एनआईसीईई साल 2008 से ही छात्रों के लिए इस प्रोग्राम का आयोजन कर रहा है.18वीं राष्ट्रीय कार्यशाला को हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया है, जिसमें 7 से 8 जून के बीच टेक्निकल लेक्चर ऑनलाइन करवाए गए तो वहीं ऑफलाइन स्टूडियो सेशन 16 से 20 जून तक आईआईटी कानपुर में आयोजित किया जा रहा है. इस वर्कशॉप में देश के विभिन्न 9 संस्थानों से 6 सेमेस्टर पूरे कर चुके आर्किटेक्चर कार्यक्रम के 36 छात्रों ने भाग लिया है.इस वर्कश़प का मकसद छात्रों को भूकंप सुरक्षा से संबंधित विषयों के प्रति संवेदनशील बनाना और भूकंप-प्रतिरोधी डिज़ाइन की बुनियादी अवधारणाओं में उनकी क्षमता का निर्माण करना है.ऑनलाइन सेशन के दौरान डॉ. हरि कुमार, जियो हैज़र्ड्स, नई दिल्ली ने भूकंप के कारणों, मौलिक पारिभाषिक शब्दावली और भूकंप ग्राउंड मोशन जैसे विषयों पर बात की. जोरहाट इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रो. अतनु के. दत्ता ने इमारतो पर भूकंपीय भार को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों पर चर्चा की. इसके साथ ही, आईआईईएसटी शिबपुर, हावड़ा की प्रोफेसर केया मित्रा ने भूकंप-प्रतिरोधी संरचनात्मक प्रणालियों और भवन विन्यास पर व्याख्यान दिया. इस दौरान डॉ. बी.एन. कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर फॉर वुमन, पुणे की प्रो. वासुदा गोखले ने इमारतों से संबंधित अतिरिक्त तत्वों पर गहन जानकारी प्रदान की.प्रो. वसुदा गोखले, सुजाता मेहता और मीरा शिरोलकर- डॉ. बी.एन. कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर फॉर वुमन, पुणे; प्रो. भावना विमावाला और नेहल देसाई- सार्वजनिक विश्वविद्यालय, सूरत; और डॉ. रुचिरा दास विमेन्स पॉलिटेक्निक, चंदननगर इस कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन के तौर पर शामिल हुए.उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता आईआईटी कानपुर के सिविल इंजीनियरिंग विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर प्रियांका घोष ने की. उन्होंने कहा कि यह सही समय है जब छात्रों में अर्थक्वेक इंजीनियरिंग से संबंधित मुद्दों के प्रति रुचि जगाई जाए. उन्होंने भरोसा जताया कि छात्र भविष्य में बेहतर आर्किटेक्ट्स बनेंगे. इसके साथ ही उन्होंने वर्कशॉप में हिस्सा लेने आए छात्रों को कहा कि वह सवाल पूछने पर संकोच न करें.इस दौरान प्रो, वसुदा गोखले ने छात्रों स्वागत किया और उन्हें अगले पांच दिनों की चुनौतीपूर्ण और रोचक कार्यशाला के लिए तैयार रहने की सलाह दी।
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