उपलब्धिः 5 किलोमीटर लंबे बारादेवी-नौबस्ता सेक्शन पर सिग्नल लगाने का काम हुआ पूरा
-ट्रेन रेडियो एक्सेस एंटीना भी किए गए इंस्टॉल |
-सिग्नलिंग प्रणाली के टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरू करने की चल रही तैयारी |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर -1 (आईआईटी - नौबस्ता) के अंतर्गत लगभग 5 किमी लंबे बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन में सिविल निर्माण कार्य के साथ सिस्टम इंस्टॉलेशन का कार्य भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। कुल 5 स्टेशनों (बारादेवी, किदवई नगर, वसंत विहार, बौद्ध नगर और नौबस्ता) वाले इस सेक्शन में सिग्नल लगाने का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। उक्त सेक्शन में अब सिग्नलिंग प्रणाली के टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
विदित हो कि हाल ही में 30 मई को मोती झील से कानपुर सेंट्रल तक यात्री सेवा के विस्तार का शुभारंभ किया गया था। कानपुर सेंट्रल के बाद पड़ने वाले दो अंडरग्राउंड स्टेशन; झकरकटी और ट्रांसपोर्ट नगर के लिए टनलिंग प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। इसके बाद पड़ने वाले बारादेवी - नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन के पांच स्टेशनों पर तकनीकी कक्षों के निर्माण व फिनिशिंग कार्य के अलावा ट्रैक, थर्ड रेल, टेलिकॉम, सिग्नलिंग, इलेक्ट्रिकल आदि से जुड़ी प्रणालियों को इंस्टॉल करने का कार्य तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
पांच स्टेशनों पर लगाए गए सिग्नल
बारादेवी से नौबस्ता तक कुल 24 सिग्नल लगाए जाने हैं। बारादेवी में 8 में से 8 सिग्नल लगाए जा चुके हैं। इसके बाद पड़ने वाले किदवई नगर, वसंत विहार और बौद्ध नगर में भी सभी सिग्नल लगा दिए गए हैं। इन तीनों स्टेशनों पर प्रत्येक में 2 सिग्नल लगाए गए हैं। आखिरी स्टेशन नौबस्ता में भी कुल 10 में से 7 सिग्नल लगा दिए गए हैं। शेष बचे हुए 3 सिग्नल ट्रैक निर्माण कार्य पूरा होने के बाद लगाए जाएंगे।
रेडियो एक्सेस एंटीना भी कर दिए गए इंस्टॉल
सिग्नल के लिए सभी स्टेशनों पर इंडोर केबलिंग का काम भी पूरा किया जा चुका है। इसके अलावा सभी स्टेशनों पर ट्रेन रेडियो एक्सेस एंटीना भी इंस्टॉल किए जा चुके हैं। ट्रेन के सुरक्षित ऑपरेशन के लिए ट्रेन और ऑपरेशन नियंत्रण कक्ष के बीच वायरलेस कम्युनिकेशन स्थापित करने में इस एंटीना की अहम भूमिका होती है। ये एंटीना ट्रेन से भेजे गए लोकेशन और सूचना को रिसीव कर मैन सर्वर में भेजते हैं।
टेस्टिंग प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी
बारादेवी-नौबस्ता सेक्शन के स्टेशनों पर सिग्नल इंस्टॉल करने के साथ ही सिग्नलिंग प्रणाली के टेस्टिंग की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। इसके अंतर्गत सबसे पहले पिको टेस्ट किया जाना है, जिसमें वायरिंग कनेक्शन फॉल्ट की जांच होगी। इस टेस्ट के बाद ’पार्शियल एक्सेपटेंस टेस्ट’ में सिग्नलिंग से जुड़े विभिन्न उपकरणों जैसे सिग्नल, पॉइंट्स मशीन आदि को अलग-अलग चलाकर देखा जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ’सिस्टम एक्सेपटेंस टेस्ट’ किया जाएगा, जहां ट्रेन को इस सिग्नलिंग सिस्टम के अनुसार चलाकर देखा जाएगा।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने इस अवसर पर कहा कि, ‘कानपुर मेट्रो के इंजीनियरों की टीम बारादेवी-नौबस्ता सेक्शन में सिविल निर्माण और सिस्टम इंस्टॉलेशन के कार्य को पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ा रही है। उक्त सेक्शन में सिग्नल इंस्टॉलेशन का काम लगभग पूरा हो चुका है और अब टेस्टिंग की तैयारी की जा रही है। इस सेक्शन में ट्रैक निर्माण का कार्य भी अंतिम चरण में पहुंच चुका है। मुझे खुशी है कि हमारी पूरी टीम और कार्यदायी संस्थाएं सुनियोजित ढंग से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरे दृढ़ संकल्प के साथ जुटी हुईं हैं।“‘
मेट्रो ट्रेन को मिलेंगे इन रंगों के सिग्नल!
मेट्रो ट्रैक के मेनलाइन पर लगे सिग्नलों में तीन रंग होते हैं; लाल, बैंगनी (वॉयलेट) और हरा। लाल रंग, ट्रेन को रुकने का संकेत देता है, जबकि बैंगनी रंग का सिग्नल होने पर ट्रेन को एक निर्धारित गतिसीमा पर आगे बढ़ने की अनुमति होती है। इस रंग का संकेत तब मिलता है, जब ट्रैक पर कुछ ही दूरी पर दूसरी ट्रेन भी मौजूद हो या आगे का रूट पूरी तरह से क्लियर ना हो। हरा रंग, आगे का रूट पूरी तरह से क्लियर होने का संकेत देता है और इस सिग्नल पर ट्रेन अपनी पूरी गति के साथ आगे बढ़ती है।