निजीकरण के विरोध में दिनभर काली पट्टी बांधकर विरोध मनाया दिवस
U-बिजली कर्मचारियों ने जेल भरो आंदोलन की तैयारी तेज
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर I विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज केस्को मे बिजली कर्मचारियों ने दिनभर काली पट्टी बांध कर "विरोध दिवस" मनाया। निजीकरण का टेंडर होने पर जेल भरो आंदोलन की तैयारी में आज समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर स्वेच्छा से जेल जाने वाले बिजली कर्मियों ने सूची में नाम लिखा लिखाया।
प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण से उपभोक्ताओं को होने वाले विशेष लाभ के विज्ञापन से आक्रोशित बिजली कर्मचारियों ने आज पूरे दिन काली पट्टी बांध कर अपना विरोध दर्ज किया। "विरोध दिवस" के तहत आज बिजली कर्मचारियों,जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं ने समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर व्यापक विरोध प्रदर्शन कर निजीकरण के विरोध में निर्णायक संघर्ष और सामूहिक जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया। स्वेच्छा से जेल जाने वाले कर्मचारियों ने लाइन लगाकर जेल जाने वाले की सूची में अपना नाम लिखाया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के केंद्रीय पदाधिकारियों ने एक बार फिर कहा है कि यदि उप्र सरकार की नजर में निजीकरण के बाद पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के 42 जनपदों में बिजली की आपूर्ति हेतु विश्वसनीय प्रबन्धन होगा तो इस विज्ञापन से अपने आप स्पष्ट हो जाता है कि कि ऊर्जा निगमों में विगत 22 वर्षों से चल रहा आई ए एस प्रबंधन अविश्वसनीय है। संघर्ष समिति ने सवाल किया कि इसी अविश्वसनीय प्रबंधन द्वारा किए जा रहे निजीकरण की विश्वसनीयता क्या है ? संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण की सारी प्रक्रिया भ्रष्टाचार से भरी हुई है। पहले निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति में हितों के टकराव के प्राविधान को शिथिल कर दिया गया। फिर झूठा शपथ पत्र देने की बात और अमेरिका में पेनल्टी लगने की बात स्वीकार कर लेने वाले मेसर्स ग्रांट थॉर्टन को निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसलटेंट बनाया गया। इसके बाद पॉवर कॉरपोरेशन के निदेशक वित्त निधि नारंग, जिनकी निजी घरानों के साथ मिली भगत है, को तीन बार सेवा विस्तार दिया गया। निधि नारंग ने निजी घरानों के साथ मिली भगत कर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु आरएफपी डॉक्यूमेंट तैयार कराया। इसे विद्युत नियामक आयोग को भेजा गया। विद्युत नियामक आयोग ने इस पर अनेकों आपत्तियां दर्ज कर इसे वापस कर दिया। संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण के दस्तावेज को अभी तक विद्युत नियामक आयोग ने अप्रूव नहीं किया है। आश्चर्य है कि इसके बावजूद पॉवर कारपोरेशन और शासन में बैठे उच्च अधिकारियों ने निजीकरण के विशेष लाभ बताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार का विज्ञापन छपवा दिया। इसी का प्रतिकार करने हेतु आज केस्को मे बिजली कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध दिवस मनाया है। केस्को कानपुर में बड़ा विरोध प्रदर्शन कर विरोध दिवस मनाया गया।