26 वां सामूहिक सांवत्सरिक क्षमापना कार्यक्रम सम्पन्न
U-क्षमापना करना कोई अपराध नहीं,दो दिलों का मिलन भरपूर प्यार का सुमार : संत सतीश मुनि
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | उपप्रवर्तक महान संत सतीश मुनि महाराज ने अपने उदबोधन में कहा कि क्षमा टूटे हुए दिलो को जोड़ने का काम करती है। आज सारे गिले शिकवे शिकायत को भूल कर एक दूसरे से क्षमापना करना है। क्षमापना हमे किसके साथ करना है स्वयं के साथ जिससे हमारा बैर हैं उनके साथ - या सभी के साथ। क्षमापना करने से सभी प्रकार के बैर, विरोध, वाद विवाद आदि समाप्त हो जाते है। मानव जीवन में बग्रहण करने के योग्य दो मौलिक गुण होते हैं। एक समझ शक्ति और एक सहन शक्ति । शक्ति होते हुए भी सहन करना महा पुरुषों के लक्षण हैं। कठोर वचन सुन कर भी उत्तर ना देना। क्षमा धारण करना, मौन धारण करना सच्ची थमा है। सभा में सकल जैन समाज के सभी संघों के प्रतिनिधियों व सभ्यों ने पधार कर इस क्षमापना महापर्व को सफल बनाया। कार्यक्रम का संचालन अध्यक्ष जसमिन शाह ने किया। आरती शाह, उपाध्यक्ष रौता जैन, प्रियंका जैन, मंत्री अजिका जैन, कोषाध्यक्ष अमी शाह, प्रीति बेताला, दीपाली शाह ने तपस्वियों को माला पहनाकर और तोहफा देकर सम्मानित किया। पूर्व अध्यक्ष जयपाल जैन, मृदुला जैन, बिंदु शाह, हरीश शाह, सन्तोष जैन, निकेत शाह एवं ध्रुवीन शाह उपस्थित रहे एवं संघों के प्रतिनिधि, भीखम चन्द जैन, सुबोध शाह, धनराज सुराना, प्रवीन सुराना, दिलीप शाह, संजय भंडारी, त्रिभुवन जैन, हैम जैन महेट कटारिया अनूप जैन (205) अनिल जैन सीसामऊ दीपक जैन उपस्थित रहे।