कथा में महाराज ने पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | भागवत कथा के पंचम दिवस की कथा का प्रारंभ महाराज ने कृष्ण जन्म से किया महाराज ने बताया कि भगवान मथुरा में कंस के कारागार में प्रकट हुए और नंदोत्सव गोकुल में मनाया गया भगवान का नामकरण संस्कार श्री गर्गाचार्य जी महाराज ने किया और कृष्ण कहकर सम्बोधित किया कृष्ण का अर्थ होता है जो चित्त को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है उसे कृष्ण कहते हैं
भगवान अपनी बाल लीलाओं के माध्यम से अपने भक्तों को सुख पहुंचाते हैं कभी भगवान भैया से चन्द्रमा मांगते हैं तो कभी अचानक हंसने लगते और कभी रोने लगते
भगवान ने अपने मुख से सर्वप्रथम मां शब्द का उच्चारण किया क्योंकि मां की महिमा परमात्मा से भी बड़ी बताई गई है भगवान माखन चोरी लीला के द्वारा अपने भक्तों का मन चुराते हैं प्रभु उसी के घर का माखन चुराकर भोग लगाते हैं जो गोपी माखन बनाते समय कन्हैया का ध्यान करती है
कभी भगवान माखन खाते हैं तो कभी माटी खाकर पृथ्वी मैया को आनन्द देते हैं काली नाग को नाथ कर जल तत्व को शुद्ध करते हैं भगवान ने देवताओं के राजा इन्द्र की पूजा बंद कराकर श्री गिरिराज गोवर्धन की पूजा प्रारंभ कराई इस अवसर पर श्री राम सेवा समिति द्वारा श्री गिरिराज महाराज को छप्पन भोग अर्पित किए गए और सभी भक्तों को छप्पन भोग का प्रसाद वितरित किया गया श्री राम सेवा समिति के तत्वावधान में मालवीय पार्क हरबंस मोहाल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस पर समिति के अध्यक्ष मनोज बाजपेई द्वारा पोथी पूजन और वृन्दावन धाम से पधारे पंडित दीपक कृष्ण महाराज का पूजन कर कथा प्रारम्भ कराई गई इस अवसर पर विधायक सलिल विश्नोई, पशुपति नाथ गुप्ता, जुगुल किशोर बाजपेई, विपिन दीक्षित, राहुल पांडे, दिवांशु वर्मा मीना, प्रियंका आदि सैकड़ों भक्त उपस्थित हुए |