आईटीबीपी का 64वां स्थापना दिवस, गूंजा हिमवीरों का जज्बा, कमांडेंट बोले- जब तक हम हैं…निश्चित रहें
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर में महाराजपुर सरसौल स्थित 32वीं वाहिनी भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल परिसर में शुक्रवार को आईटीबीपी का 64वां स्थापना दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सेनानी गौरव प्रसाद ने परेड की सलामी ली और हिमवीर जवानों के साथ अधिकारीगण ने गरिमामय उपस्थिति दर्ज कराई।
परेड कमांडर डिप्टी कमांडेंट नजुद्दीन ने अनुशासित परेड का प्रदर्शन कर बल की शौर्य परंपरा को जीवंत किया।कमांडेंट गौरव प्रसाद ने बताया कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल की स्थापना 24 अक्टूबर 1962 को हुई थी, जिसकी प्राथमिक जिम्मेदारी लद्दाख के काराकोरम दर्रे से लेकर अरुणाचल प्रदेश के दिफूला तक 3488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा पर गश्त करना है। उन्होंने बताया कि आईटीबीपी के जवान बर्फीले पहाड़ों में माइनस 40 डिग्री से लेकर अधिकतम तापमान तक देश की सेवा में तैनात रहते हैं और देश-विदेश में अपनी वीरता का परचम लहरा रहे हैं। देशवासियों को संदेश देते हुए सेनानी गौरव प्रसाद ने कहा कि जब तक हम है, तब तक देशवासी निश्चित होकर सुरक्षा का एहसास कर सकते हैं।