रबी फसलों हेतु दिए गए महत्वपूर्ण सुझाव
U-फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन करें, उन्हें कभी भी खेतों में न जलाएं
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | डॉक्टर आर एस वर्मा,उप कृषि निदेशक ने रबी फसलों के संबंध में कृषक भाइयों को महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा कि वर्तमान समय में जनपद कानपुर नगर में दलहनी एवं तिलहनी फसलों की बुवाई का उपयुक्त समय चल रहा है। किसानों को खाद्यान्न फसलों के साथ-साथ इन फसलों की बुवाई अधिक मात्रा में करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर दलहनी एवं तिलहनी फसलों की उच्च उत्पादक प्रजातियाँ उपलब्ध हैं। इन फसलों का एम.एस.पी. (न्यूनतम समर्थन मूल्य) अधिक होने के कारण इनकी खेती से किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित होगी।दलहनी एवं तिलहनी फसलों की बुवाई हेतु सावधानियां खरीफ फसलों की कटाई के बाद फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन करें, उन्हें कभी भी खेतों में न जलाएंखेतों की जुताई/पलटाई कर पूसा डी-कम्पोजर का प्रयोग करें, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।फसलों की लाइन से बुवाई करें ताकि खरपतवार नियंत्रण एवं सिंचाई में सुविधा हो।लाइन बुवाई से कम बीज व संतुलित उर्वरक का प्रयोग होता है तथा बीज को राइजोबियम कल्चर से शोधित करने पर अधिक कल्ले व उत्पादन प्राप्त होता हैराजकीय कृषि बीज भण्डारों पर उपलब्ध प्रजातियाँ जनपद के सभी राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर 50 प्रतिशत अनुदान पर निम्नलिखित उच्च उत्पादक प्रजातियाँ उपलब्ध हैं, चना – RVG-204 मटर – IPFD-9-2, IPFD-12-2 राई/सरसों – गिरिराज, PM-32, CS-61, CS-58इसके अतिरिक्त राई/सरसों के निःशुल्क बीज मिनीकिट भी उपलब्ध हैं, जिन्हें किसान ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से बुकिंग कर प्राप्त कर सकते हैं।