कानपुर में "दर्पण" को जिंदा करने पहुंचे एनएसडी के दिग्गज निर्देशक
U- रंगमंच की दुनिया की दिग्गज संस्था दर्पण के माध्यम से आज शहर में होगा पैन इंडिया सुपरहिट नाटक "खांचे" का मंचन
U- नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के दिग्गज निर्देशक अरु व्यास के निर्देशन में शाम रंगेंद्र स्वरूप ऑडिटोरियम में प्रदर्शन
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। देशभर में विख्यात रंगमंच क्षेत्र की दिग्गज संस्था दर्पण, जिसने कई बेहतरीन अदाकारों और कलाकारों को जन्म दिया, वो कानपुर महानगर से शुरू हुई, पर कालांतर में यहीं, अपने उदगम स्थल में ही विलुप्त सी हो गई थी। लेकिन अब दर्पण संस्था के जनक, प्रोफेसर राममूर्ति की जन्मशती पर दर्पण कानपुर को पुनर्जीवित करने के लिए देश की शीर्ष संस्था "नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा" (एनएसडी) के दिग्गज रंगमंच निर्देशक और कलाकार अरु व्यास कानपुर में हैं। वो दर्पण संस्था के माध्यम से पैन-इंडिया सुपरहिट नाटक खांचे का निर्देशन कर रहे हैं। दर्पण कानपुर की प्रस्तुति खांचे का निर्देशन करने के साथ ही आलेख एवं परिकल्पना भी अरु व्यास की है। देश के कई भागों में विभिन्न भाषाओं में प्रदर्शित हो चुके नाटक खांचे की प्रस्तुति आज, 31 अक्टूबर की शाम 7 से सिविल लाइंस स्थित रंगेंद्र स्वरूप ऑडिटोरियम में होगी। खांचे में शहर, देश और प्रदेश के कई नामी-गिरामी कलाकार आपको परफॉर्म करते नजर आएंगे। डॉ इंद्र मोहन रोहतगी सभापति के रूप में, डॉ निष्ठा शर्मा महासचिव के तौर पर तो प्रोफेसर अभय द्विवेदी कार्यक्रम अध्यक्ष के तौर पर मौजूद रहेंगे। पिछले कई दिनों से निर्देशक अरु व्यास संकलन और रिहर्सल के लिए अपनी टीम व कलाकारों संग शहर में ही हैं। वो स्वरूप नगर स्थित बाल निकुंज में टीम के संग डमी सेट्स पर रोजाना अभ्यास कर रहे हैं। कानपुर के जानेमाने आर्टिस्ट योगेंद्र श्रीवास्तव और अग्रज पांडेय भी खांचे में महत्वपूर्ण किरदारों में दिखेंगे। बता दें कि अरु व्यास के निर्देशन में काम करना नए कलाकार अपना सौभाग्य समझते हैं। अरु और उनकी पत्नी जोधपुर में घर पर एक रूफ टॉप एकेडमी चलाते हैं। जहां नए कलाकारों को प्रशिक्षित किया जाता है, वर्कशॉप्स होती हैं। अरु व्यास रंगमंच की वृद्धि-समृद्धि के लिए मोहल्ला क्लबों की शुरुआत करने वाले पहले व्यक्ति हैं। इससे वो युवाओं की क्रिएटिविटी को बढ़वा और ऊर्जा को दिशा दे रहे हैं। 
रंगमंच, कला और साहित्य में भाजपा सरकार की रुचि कम क्यों है..?
बातचीत में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के पासआउट दिग्गज रंगमंच निर्देशक अरु व्यास ने कहा कि वो इस तथ्य से हैरत में हैं कि कानपुर में ऑडिटोरियम, मंच आदि का किराया और कीमतें बहुत अधिक हैं, जबकि पड़ोस में स्थित, सूबे की राजधानी लखनऊ में ऑडिटोरियम आदि का किराया कानपुर से काफी कम है। सरकारी ऑडिटोरियम बेहद महंगे पड़ते हैं, इससे रंगमंच कलाकारों और संस्थाओं को निराशा होती है और रंगमंच प्रेमियों के लिए भी ये कष्टकारी है। अरु के अनुसार भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में सरकार का कला और रंगमंच की तरफ ध्यान नहीं है, प्रोत्साहन बेहद कम है।