खाद्य आयुक्त के छापेमारी से हड़कंप, शासन करेगा 'सोते' अफसरों पर कार्रवाई
U-पूरे यूपी से लेकर नेपाल तक नशीली और नकली दवाओं की सप्लाई, अफसरों को भनक नहीं
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को कोडीनयुक्त कफ सिरप और नॉरकोटिक्स श्रेणी की औषधियों के अवैध भंडारण, क्रय-विक्रय और वितरण पर प्रभावी नियंत्रण के संबंध में सख्त निर्देश दिए हैं। बावजूद इसके जिले के औषधि निरीक्षक अभियान के प्रति सर्तक नजर नहीं आ रहे हैं। स्वराज इंडिया अखबार ने पिछले अंक में इसका खुलासा भी किया था इसके बाद भी कानपुर में तैनात अधिकारी अनजान बने रहे।
औषधि निरीक्षकों द्वारा रूचि कम होती देख लखनऊ से खुद खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की आयुक्त डॉ. रोशन जैकब को शहर आना पड़ा और उन्होंने टीम के साथ बिरहाना रोड स्थित अग्रवाल ब्रदर्स (विनोद अग्रवाल एवं शिवम अग्रवाल) में छापा मारकर औचक निरीक्षण किया। हालांकि, इस दौरान साथ में औषधि निरीक्षक रेखा व औषधि निरीक्षक ओमपाल साथ ही करीब सात औषधि निरीक्षक भी टीम के साथ थे। लेकिन डॉ. रोशन जैकब ने खुद औषधि गोदाम और होलसेल डीलरशिप की जांच की और एक-एक दस्तावेजों की गहनता से पड़ताल की। उन्हें जांच में भारी मात्रा में कोडीन युक्त कफ सिरप और ट्रामाडोल टैबलेट्स बरामद हुई। जब इसकी जानकारी गोदाम में मौजूद व्यक्ति से की तो वह इसकी सटीक जानकारी नहीं दे सके और न ही इनकी बिक्री और वितरण का कोई अभिलेख उपलब्ध मिला। इसके अलावा उन्हें जांच के दौरान गोदाम में काफी मात्रा में एक्सपायर्ड दवाएं भी मिली। इस संबंध में जब उन्होंने जिले के औषधि निरीक्षकों से जानकारी की तो वह भी कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दें सकें। आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने इस संबंध में औषधि विक्रेताओं के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट व बीएनएस के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करने के निर्देश संबंधित निरीक्षक को दिए। सीज की कार्रवाई की।
खाद्य आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि कानपुर में बड़े पैमाने पर नशे के सिरप और दवाओं का कारोबार हो रहा है। इसके सबूत हिमाचल, लखनऊ से मिले थे। इसके बावजूद कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए लखनऊ की चार टीमें लेकर छापेमारी की। बड़े पैमाने पर कोडीन युक्त सिरप, ट्रामाडोल टैबलेट्स व एक्सपायर दवा बरामद हुई है। शहर के अफसरों की भूमिका संदिग्ध है। जांच के बाद कार्रवाई होगी।
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उच्चस्तरीय छापेमारी से दवा मार्केट में हड़कंप
सालों से अग्रवाल ब्रदर्स नशे का कारोबार कर रहे थे। इसके बावजूद शहर के अफसरों को भनक तक नहीं लगी। इसलिए सर्किट हाउस आने के बाद शहर की टीम को आयुक्त ने जानकारी दी। इससे उनके भी हाथ पांव फूल गए। हिमाचल की लेबोरेट कंपनी से अग्रवाल ब्रदर्स ने नशे के सिरप को खरीदा था। वह लेबोरेट कंपनी का बड़ा डीलर है। उनके खिलाफ लखनऊ से भी काफी सबूत मिले हैं। इसके लिए आयुक्त को खुद आकर छापेमारी करनी पड़ी। जिसमें बड़े पैमाने पर गोरखधंधे का खुलासा हुआ है। इससे शहर में चल रही कार्रवाई पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। आखिरकार शहर के अफसर क्यों नहीं नशे के सौदागरों को पकड़ पा रहे थे।