समय रहते प्रोस्टेंट कैंसर का इलाज कराने से बीमारी से मिल सकती है निजात
U- 74 वर्षीय बुर्जुग के प्रोस्टेट कैंसर का किया सफा ऑपरेशन
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। बढ़ते प्रोस्टेट कैंसर का इलाज समय रहते अगर करा लिया जायेग तो मरीज की जिन्दगी की समय सीमा बढ़ सकती है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज एवं एलएलआर (हैलेट) अस्पताल के सुपर स्पेशिलीटी में प्राचार्य की देखरेख में यूरोलाजिस्ट डॉ अनिल जे वैद्य व उनकी टीम ने दूरबीन विधि से 74 वर्षीय मरीज राम दयाल का प्रोस्टेट कैंसर का सफल ऑप्रेशन किया। डॉ अनिल जे वैद्य ने बताया कि बुर्जुग पिछले लगभग डेढ़ वर्ष से मूत्र प्रवाह में कमी और बार-बार मूत्र जाने की समस्या से पीड़ित थे। सभी जाँच-पड़ताल कराने के बाद मरीज को “प्रोस्टेट कैंसर (सीए प्रोस्टेट)” का निदान किया गया जीएसवीएम मेडिलक कालेज के सीएसआर रूम में एक प्रेसवार्ता के दौरान डॉ अनिल जे वैद्य ने बताया कि मरीज का सफल उपचार हमारी टीम द्वारा लैप्रोस्कोपिक रैडिकल प्रोस्टेक्टॉमी विद लिम्फ नोड रिसेक्शन तथा यूरेथ्रल रिपेयर के माध्यम से किया गया। यह ऑपरेशन लगभग 4 घंटे चला तथा शल्यक्रिया के दौरान मरीज को 1 यूनिट खून भी दिया गया। उन्होंने बताया कि कानपुर में इस प्रकार की शल्यक्रिया पहली बार सफलतापूर्वक की गई, जो संस्थान के लिए एक गर्व की बात है। इसके साथ ही उन्होंने प्रोस्टेट कैंसर और साधारण प्रोस्टेट के बारे में जानकारी देते हुए लोगो को जागरूक किया ताकि वह बीमारी गंभीर होने से पहले ही डॉ के पास जाकर सही सलाह ले, ताकि भविष्य में बीमारी की जटिलताओ से बचा जा सके। डॉ अनिल जे वैद्य ने बताया कि प्रोस्टेट कैंसर और नार्मल प्रोस्टेट के लक्षण समान्तर ही होते है। इसके लक्षण में पेशाब का रूक-रूक कर आना, पेशाब की थैली में पत्थरी का होना, इंफेक्शन का होना शामिल है। उन्होंने बताया कि पीएसए का लेवल 4 से अधिक होने पर यूरोलाजिस्ट से जरूर मिलना चाहिए और अपनी बीमारी के बारे में जानकारी देना चाहिए ताकि ऑपरेशन करना या उसे दवाओ से ठीक करना उस पर निर्भर हो जाता है। वर्तमान समय में 15 से 20 मरीज ओपीडी में आ रहे है जिसकी बायोप्सी कराने पर सभी पाजिटिव ही निकल रहे है। ऐसे में अगर मरीज शुरूआती समय में आ जाये तो उसका इस बीमारी से निजात दिलाई जा सकती है। यह जटिल सर्जरी में वरिष्ठ सर्जन प्रिंसिपल एवं डीन, डॉ. संजय काला , डॉ. अनिल जे. बैद, डॉ. मयंक गुप्ता, डॉ. आलोक यादव (जेआर-3), डॉ. सुमित सिंह (जेआर-3), डॉ. क़ाफिलुर रहमान (जेआर-1) तथा डॉ. दिशा गुलाटी (जेआर-1) की टीम द्वारा की गई। एनेस्थीसिया टीम में डॉ. नेहा, डॉ. सानिका, डॉ. शिवांगी एवं डॉ. रक्षिता शामिल रहीं। ऑपरेशन थिएटर में सहयोग सिस्टर सुषमा द्वारा प्रदान किया गया।
- रोबोटिक सर्जरी से ऑपरेशन होगा आसान
यूरोलाजिस्ट डॉ अनिल जे वैद्य ने बताया कि आने वाले समय में रोबोटिक सर्जरी सबसे ज्यादा कारगर साबित होगी। क्यों कि प्रोस्टेट ग्रंथी शरीर के सबसे निचले भाग में होती है जहां सजैरी कर टांके लगाने में बहुत ही दिक्कतो का सामना करना पडता है ,लेकिन आने वाले समय में रोबोटिक सर्जरी सबसे बडी मददगार साबित होगी।