आधुनिक कृषि यंत्र सुपरसीडर से कृषि वैज्ञानिकों ने कराया गेहूं का प्रदर्शन
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | सीएसए के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा ग्राम जसापुर में सुपर सीडर से गेहूं बुवाई का प्रदर्शन कराया गया। इस अवसर पर मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर खलील खान ने बताया कि किसान फसल अवशेष प्रबंधन के लिए आधुनिक कृषि उपकरणों का उपयोग करें। इन उपकरणों के उपयोग से फसल अवशेष को नष्ट करके खाद बना दिया जाता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है। फसल अवशेष जलाने से मिट्टी को होने वाले नुकसान और धुएं से होने वाला पर्यावरण प्रदूषण भी नहीं होता है। किसान धान तथा अन्य फसलों के फसल अवशेष खेत से हटाने के लिए सुपरसीडर और हैप्पीसीडर का उपयोग कर सकते है । ये उपकरण किसी भी ट्रैक्टर जो 50 एच पी के हों उसमे आसानी से फिट हो जाते हैं। इनके उपयोग से एक ही बार मे फसल अवशेष नष्ट होने के साथ-साथ खेत की जुताई और बुवाई हो जाती है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक ने बताया की धान के फसल यदि हार्वेस्टर से कटाई की जाती है तो खेत मे फसल के अवशेष रह जाते हैं जिनकी सफाई के बिना बुवाई करना बहुत बड़ी चुनौती रहती है , लेकिन सुपरसीडर एक ऐसी मशीन है जो बिना सफाई के आसानी से गेहूं या चना की बुवाई कर सकती है। फसल अवशेष जलाने से मिट्टी में उत्पन्न होने वाले कार्बनिक पदार्थ में कमी आ जाती है। सूक्ष्म जीव जलकर नष्ट हो जाते है, जिसके फलस्वरूप जैविक खाद का निर्माण बंद हो जाता है।भूमि की ऊपरी परत मे ही पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध रहते है।आग लगाने के कारण ये पोषक तत्व जलकर नष्ट हो जाते हैं।सुपर सीडर एक साथ तीन काम करती है जिससे हार्वेस्टर के बाद बचे फसल अवशेष को बारीक काटकर मिटटी मे मिला देता है जिससे मिटटी मे कार्बन कंटेंट बढ़ेगा। मिटटी उपजाऊ होगी और खेत मे कटाई उपरांत तुरंत बुवाई का कार्य हो जायेगा।
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