एलर्जी मैनेजमेंट पर केस प्रेजेंटेशन किए प्रस्तुत
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कानपुर शाखा द्वारा सीएमई कार्यक्रम का आयोजन होटल रॉयल क्लिफ, स्वरूप नगर, में किया गया।इस सीएमई कार्यक्रम का मुख्य विषय “कम्युनिटी एक्वायर्ड निमोनिया – क्लिनिशियन का दृष्टिकोण” रहा। साथ ही एलर्जी मैनेजमेंट पर केस प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. ए.के. सिंह, सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट एवं इंटेंसिविस्ट, रीजेंसी हॉस्पिटल, कानपुर रहे। आईएमए कानपुर के अध्यक्ष डॉ अनुराग मेहरोत्रा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए इस बीमारी की गंभीरता के विषय पर बताया। कार्यक्रम का संचालन आईएमए कानपुर के वैज्ञानिक सचिव डॉ दीपक श्रीवास्तव ने किया एवं विषय पर प्रकाश डॉ ए सी अग्रवाल, चेयरमैन वैज्ञानिक सब कमेटी ने दिया। वक्ता का परिचय कार्यक्रम के मॉडरेटर डॉ. कुणाल सहाय, सीनियर कंसल्टेंट फिजिशियन कानपुर ने किया। मुख्य वक्ता डॉक्टर ए के सिंह वरिष्ठ पल्मोनोलोजीस्ट, रीजेंसी हॉस्पिटल— उन्होंने बताया कि निमोनिया एक गंभीर बीमारी है, मुख्यत: दो किस्म का होता है ।एक जो लोगों को घर पर या अपने कार्य स्थल पर के इंफेक्शन के बाद डेवलप करता है एवं दूसरा जो हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों में पनपता है। अस्पताल के बाहर वाले यानी कम्युनिटी एक्वायर्ड निमोनिया जिसके बारे में व्याख्यान में डॉ ए के सिंह ने बताया कि प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, खांसी में बलगम आना व सांस फूलना की बीमारी हो सकती है ।समय रहते इसका अगर जांच और इलाज किया जाए तो जल्दी ठीक हो सकता है ।आजकल बहुत अच्छी एंटीबायोटिक दवाइयां उपलब्ध है जो ओरल और इंजेक्शन के रूप में बहुत कारगर है । लेकिन अक्सर लोग झोलाछाप डॉक्टर व घरेलू इलाज के चक्कर में इलाज में देर कर देते एवं जानलेवा स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है । पुराने सांस के मरीजों को, शुगर और दिल के मरीजों को व वरिष्ठ नागरिकों को तेज बुखार खांसी और सांस फूलने वाली स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें । एक्स-रे बलगम की जांच, खून की जांच और कुछ लोगों में सीटी स्कैन की मदद से काफी हद तक इस बीमारी को पहचान कर पकड़ा जा सकता है और बलगम के जांच और कलचर की मदद से सही और समय पर उचित इलाज करके जल्दी स्वस्थ करके घर भेजा जा सकता है।
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