जिलाधिकारी को ग्रामीण पत्रकारों द्वारा सौंपा गया 7 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन
U- अवैध वसूली कर रहे फर्जी पत्रकारों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश की कानपुर इकाई द्वारा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ सिंह के निर्देशन पर जिलाधिकारी कानपुर नगर को मुख्यमंत्री के नाम 7 सूत्रीय मांग पत्र एसीएम के जरिए जिलाधिकारी को सौंपा गया। इस अवसर पर कानपुर मंडल अध्यक्ष दीपक श्रीवास्तव, कानपुर जिला अध्यक्ष आर.सी. निषाद सहित एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहेजिलाध्यक्ष आर.सी. निषाद ने कहा कि ग्रामीण पत्रकार प्रदेश के सुदूर अंचलों में आम जनमानस की समस्याओं को उजागर करने और शासन-प्रशासन तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। कठिन परिस्थितियों में भी ये पत्रकार लोकतंत्र को सशक्त बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उनके कल्याण और सुरक्षा हेतु शासन से आवश्यक कदम उठाना अनिवार्य है।ग्रामीण पत्रकारों की मुख्य माँगें इस प्रकार हैं,राज्य मुख्यालय में भवन आवंटन:अन्य संगठनों की भांति लखनऊ में दारुलसफा या ओसीआर में ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के लिए भवन आवंटित किया जाए, जिससे सुदूर जिलों से आने वाले पत्रकारों को ठहरने और बैठकों के लिए सुविधा मिल सके। आयुष्मान योजना का लाभ:मान्यता प्राप्त पत्रकारों की तरह ही ग्रामीण पत्रकारों और उनके परिवारों को आयुष्मान भारत योजना में शामिल कर कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाए। पात्र पत्रकारों की सूची जिला सूचना कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है। बीमा एवं पेंशन योजना: ग्रामीण पत्रकारों को शासन द्वारा बीमा योजना में शामिल किया जाए। साथ ही 60 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ पत्रकारों को पेंशन प्रदान की जाए। सूची जिला सूचना कार्यालय द्वारा तैयार की जाए।उत्पीड़न से सुरक्षा:
ग्रामीण पत्रकारों के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज करने से पूर्व अनिवार्य रूप से जिला पुलिस के किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा जांच कराई जाए ताकि उन्हें अनावश्यक उत्पीड़न से बचाया जा सके। तहसील स्तर पर बैठकें:
राज्य एवं जिला स्तर की स्थायी समिति की भांति तहसील स्तर पर भी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ग्रामीण पत्रकारों की नियमित बैठकें कराई जाएं। इसमें संबंधित तहसील अध्यक्षों को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए। प्राकृतिक आपदा/दुर्घटना में आर्थिक मदद:
दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा में मृत ग्रामीण पत्रकार के परिवार को किसान बीमा योजना की तरह तत्काल पाँच लाख रुपये की सहायता और मुख्यमंत्री राहत कोष से 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाए। सूची जिला सूचना कार्यालय से तैयार की जाए।फर्जी पत्रकारों पर कार्रवाई: ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध वसूली कर रहे फर्जी पत्रकारों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। जिला स्तर पर स्थायी समिति की बैठक बुलाकर असली और फर्जी पत्रकारों की सूची बनाकर नोटिस देकर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
अंत में उन्होंने कहा कि इन मांगों पर गंभीरता से विचार कर ग्रामीण पत्रकारों को सम्मान, सुरक्षा और आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएं ताकि वे निर्भीक होकर समाज की सेवा कर सकें। इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष दीपक श्रीवास्तव, जिला अध्यक्ष आर.सी. निषाद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश कश्यप, जिला उपाध्यक्ष मुकेश कश्यप, जिला महामंत्री राजबहादुर धुरिया, रमाकांत निषाद, गोविंद विश्वकर्मा, तहसील अध्यक्ष शिवनारायण सिंह, तहसील वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन गुप्ता, तहसील महामंत्री जितेंद्र अवस्थी, अजय गुप्ता, गिरजा शंकर कश्यप, प्रभात दुबे, अमित सिंह, तहसील महामंत्री घाटमपुर साहिद खान, संजय कुमार, श्याम नारायण मिश्रा, वीरेंद्र सिंह नर्वल तहसील, बालाजी अवस्थी, हरीश श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।