डीएम ने आईआरटीडी परिसर में निर्माणाधीन भवन की खामियों पर जताई कड़ी नाराजगी
U-मंडलीय जांच समिति से निर्माण की गुणवत्ता की जांच कराने के दिये निर्देश
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर।शोध विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान (आईआरटीडी) परिसर में 988.57 लाख रुपये की लागत से बन रहे 24 कक्षीय अतिथि गृह और छात्रावास परियोजना का जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने शुक्रवार को औचक निरीक्षण किया। डीएम ने मौके पर ही निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि इतनी बड़ी राशि की परियोजना में इस प्रकार की लापरवाही किसी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि यूपीआरएनएसएस के किसी भी अधिशासी अभियंता या वरिष्ठ अधिकारी ने महीनों से निर्माण स्थल का पर्यवेक्षण नहीं किया है। अभिलेखों के अनुसार 1 जुलाई 2025 से अब तक केवल जूनियर अभियंता अंकित दीक्षित द्वारा पाँच तिथियों पर निरीक्षण दर्ज है। जिलाधिकारी ने इसे अत्यंत गंभीर चूक बताते हुए यूपीआरएनएसएस के प्रबंध निदेशक को पत्र भेजकर जिम्मेदारी तय कराने और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। आईआरटीडी के निदेशक फजल रहमान को भी पत्र लिखकर भवन निर्माण की अद्यतन स्थिति के संबन्ध में शासन को अवगत कराने का निर्देश दिया। शासन द्वारा 26 सितंबर 2024 को स्वीकृत यह परियोजना 10 मार्च 2024 को प्रारंभ हुई थी और इसे 30 सितंबर 2025 तक पूर्ण होना था, लेकिन निरीक्षण में निर्माण कार्य तय समयसीमा से काफी पीछे मिला। मुख्य भवन, वाणिज्यिक ब्लॉक, कैंटीन और छात्रावास की प्रगति अपेक्षित स्तर से कम पाई गई।
जिलाधिकारी ने कहा कि यह संस्थान प्रशिक्षण व शैक्षिक गतिविधियों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसकी सार्वजनिक उपयोगिता को देखते हुए निर्माण गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की त्रुटि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने मंडलीय जांच समिति को संपूर्ण भवन निर्माण की गुणवत्ता, उपयोग सामग्री, प्रगति और पर्यवेक्षण व्यवस्था की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। साथ ही कार्यदायी संस्था को चेतावनी दी कि शेष कार्य निर्धारित समयसीमा में बेहतर गुणवत्ता के साथ पूरा करना अनिवार्य होगा। निरीक्षण के दौरान आईआरटीडी के निदेशक फजल रहमान, उप निदेशक एपी सिंह, यूपीआरएनएसएस के जेई अंकित दीक्षित सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।