कानपुर लिट्रेचर फेस्टिवल का चार दिसंबर से दो दिवसीय आगाज़।
U-जिन्हें नाज है हिन्दू पर वो यहाँ हैं इसमें आज़ादी की जब्तशुदा नज्में पढ़ी जाएंगी।
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। लिट्रेचर सोसाइटी के अंतर्गत होने वाला साहित्य, संगीत और कला का शहर में सबसे बड़ा आयोजन कानपुर लिट्रेचर फेस्टिवल एक बार फिर गौर हरी सिंघानिया इंस्टीट्यूट में 4-5 दिसंबर को किया जायेगा। विगत वर्षों की तरह इस बार भी इस उत्सव में सेलिब्रिटीज के साथ ही लेखकों, संगीतकारों और बुद्धिजीवियों की शिरकत रहेगी। आयोजन दो दिन का होगा जिसमें साहित्य, संगीत, इतिहास से जुड़े हर तरह के सत्र होंगे। कार्यक्रम का उद्घाटन शनिवार को गायक जगजीत सिंह पर बनी फिल्म से होगा जिसके डायरेक्टर ब्रह्मानन्द सिंह दर्शकों से संवाद करेंगे। इसके अलावा फिल्म निर्माता चंद्र प्रकाश द्विवेदी के साथ बातचीत का भी सेशन होगा । सिनेमा और थियेटर की जानी मानी अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी अपनी किताब के बारे में पाठकों से बातचीत करेंगी। जाने माने अभिनेता राजेंद्र गुप्ता अपनी कविताओं के साथ कानपुर वासियों के रूबरू होंगे। युवा कवियों को अपनी प्रतिभा का मौका देने के लिए एक ओपेन माइक सेशन भी आयोजित किया जा रहा है कार्यक्रम में साहित्य के साथ संगीत की भी मौजूदगी रहेगी। जिसमें डॉ. विपिन कुमार मिश्रा और पं. अमरनाथ झा रहेंगें, जो शंख और डमरू के माध्यम से शिव स्तोत्र स्तुति को साकार करेंगे। महत्वपूर्ण मौजूदगी गायन में कुमार गंधर्व की बेटी कलापिनी कोमकली की होगी। साहित्य और संगीत के साथ इतिहास भी डॉ. संजय गर्ग द्वारा सिक्कों की कथा के साथ रोचक अंदाज़ में पेश की जाएगा। ये वर्ष आज़ादी की यादों का जश्न मनाने का है। इसको ध्यान में रखते हुये कानपुर लिट्रेचर फेस्टिबल ने एक सेशन रखा है जिन्हें नाज है हिन्दू पर वो यहाँ हैं इसमें आज़ादी की जब्तशुदा नज्में पढ़ी जाएंगी। कानपुर लिट्रेचर फेस्टिवल कानपुर वासियों के लिए पूरा वीकेंड साहित्य, संगीत, कला ज्ञान और मनोरंजन से भरपूर बनाने जा रहा है प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से डायरेक्टर अंजली तिवारी व टीम के सदस्य उपस्थित रहे।
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