जाने एक ऐसा मंदिर जहाँ विदेशी भक्त 21 वैदिकों से श्रावण भर कराते हैं महारुद्राभिषेक
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस काशी देश की सांस्कृतिक राजधानी है जहाँ दुनिया के कोने कोने से श्रद्धालु एवं भक्त पहुंचते हैं। यहाँ आकर वे अद्भुत आध्यात्मिक अनुभूतियां एवं आनंद प्राप्त करते हैं और फिर जीवन भर के लिए देवाधिदेव महादेव की अर्चना के अलौकिक आनंद से जुड़ जाते हैं। काशी के छित्तूपुर में स्थित मां गायत्री मंदिर इसका प्रमाण है। जहाँ विदेशी भक्तों के सहयोग से अहर्निश जप, यज्ञ और विभिन्न प्रकार के धार्मिक आध्यात्मिक आयोजन चलते रहते हैं। मंदिर से जुड़े 200 से अधिक वैदिक पंडित आयोजनों में भागीदारी करते हैं। पवित्र श्रावण मास में यहाँ 21 वैदिकों द्वारा प्रतिदिन महारुद्राभिषेक का आयोजन किया जाता है। जिसमें देश और विदेशों से आए काफी श्रद्धालु भाग लेते हैं। मंदिर के संस्थापक वैदिक एजुकेशनल रिसर्च सोसायटी के अध्यक्ष एवं विश्व विख्यात ज्योतिर्विद पं. शिवपूजन चतुर्वेदी ने बताया कि विगत तीन दशकों में उनके संपर्क में विश्व के लगभग 60 देशों के 8000 से अधिक लोग आए। वे चारों ओर से निराश हो चुके थे। वैदिक ज्योतिष, यज्ञ और जप की क्रियाओं से उन्हें आशातीत लाभ हुआ और वे जीवन भर के लिए मंदिर और काशी से जुड़ गए। कई लोगों ने तो यज्ञ कृपा से उत्पन्न या मरणांतक रोग से बची अपनी संतानों के वैदिक नाम रखे हैं और प्रतिवर्ष सपरिवार काशी पहुंचकर मां गायत्री एवं महादेव का दर्शन अर्चन करते हैं। पंडित जी ने बताया कि विदेशी श्रद्धालु अभिभूत होकर राष्ट्र में सुख शांति एवं समृद्धि के लिए आयोजित किए जानेवाले विभिन्न यज्ञायोजनों में मुक्तहस्त से सहयोग करते हैं। इससे सकारात्मक वातावरण का निर्माण होता है और वैदिक पंडितों को आजीविका मिलती है। उन्होंने बताया कि महादेव की कृपा से मंदिर से जुड़े वैदिकों को कोरोना महामारी के काल में भी जीवनयापन का कष्ट नहीं हुआ।
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