शिक्षिकाओं ने धरा मां दुर्गा का रूप
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस वाराणसी। नवरात्र में गरबा और डांडिया की धूम मची हुई है, कुछ ऐसा ही नजारा शुक्रवार को आर्य महिला पीजी कॉलेज में देखने को मिला जब शिक्षिकाओं ने एक और जहां जमकर डांडिया किया वहीं दूसरी ओर मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों का रूप धरा। यह मौका था श्री आर्य महिला हितकारिणी महापरिषद की ओर से आयोजित नवरात्रि महोत्सव के तहत आयोजित कार्यक्रम आह्वाहन का।
श्री महर्षि ज्ञानानंद सभागार में आयोजित कार्यक्रम आवाहन का शुभारंभ प्रज्वलन के साथ हुआ। स्वागत भाषण श्री आर्य महिला हितकारिणी महापरिषद की ज्वाइंट जनरल सेक्रेट्री श्रीमती पूजा दीक्षित देते हुए कहा कि नवरात्रि में मां की आराधना की जाती है और हमने इस कार्यक्रम के माध्यम से मां के विभिन्न स्वरूपों के बारे में लोगों को जानकारी देते हुए उनकी आराधना की है। इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और चित्रा शर्मा की गणेश वंदना के साथ हुई।
नव दुर्गा देवी स्वरूप की हुई प्रतियोगिता में शामिल शिक्षिकाओं में श्रीमती सपना राय (शैलपुत्री), श्रीमती प्रगति गुप्ता (ब्रह्मचारिणी) डॉ अनामिका दीक्षित (कुष्मांडा), डॉक्टर सुनीता यादव (चंद्रघंटा), श्रीमती अंजना दीक्षित (स्कंदमाता), डॉक्टर विनीता (स्कंदमाता ),श्रीमती चित्रा मिश्रा (स्कंदमाता), डॉ श्वेता सिंह (कात्यायनी), डॉक्टर जया राय (कालरात्रि), सुश्री अदिति शर्मा (कालरात्रि) प्रोफेसर जया मिश्रा (महागौरी) श्रीमती भव्या शुक्ला (महागौरी) श्रीमती श्वेता शर्मा (सिद्धदात्री), डॉक्टर दिव्या श्रीवास्तव (सिद्धदात्री), श्रीमती सपना सिंह (सिद्धदात्री) ने प्रतियोगिता में बाजी मारी।
इसके बाद डांडिया में शिक्षिकाओं ने हाथ आजमाएं। निर्णायक मंडल में श्रीमती शिवालिका अग्रवाल सहप्रबंध आर्य महिला इंटर कालेज व कौंसिल मेंबर श्री आर्य महिला हितकारिणी महापरिषद, श्रीमती मीना त्रिवेदी कोषाध्यक्ष आर्य महिला नागरमल मॉडल स्कूल, श्रीमती प्रीति अग्रवाल सदस्य आर्य महिला हितकारिणी महापरिषद व सदस्य आर्य महिला नागरमल मॉडल स्कूल, श्रीमती राजलक्ष्मी राय सदस्य आर्य महिला नागरमल मॉडल स्कूल रही। अंत मे श्री आर्य महिला हितकारिणी महापरिषद की जनरल ज्वाइंट जनरल सेक्रेट्री श्रीमती पूजा दीक्षित ने सभी विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। संयोजन डॉक्टर अनामिका सिंह, डॉक्टर अनामिका दीक्षित डॉक्टर डॉक्टर जया राय डॉक्टर दिव्या डॉक्टर श्वेता का रहा। धन्यवाद ज्ञापन प्रचार्या प्रोफ़ेसर रचना दुबे ने किया संचालन प्रोफेसर शुचिता त्रिपाठी ने किया।
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