श्रृद्धालुओं ने मां कालरात्रि देवी की आराधना कर मांगी मन्नते
-घंटा घड़ियालों और आचार्यों के दिव्य मन्त्र से गुंजायमान है इत्रनगरी
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ प्रिंस श्रीवास्तव
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।नवरात्र पर्व के चलते इन दिनों नगर पूरा नगर भक्तमय बना हुआ है।रविवार को देवी भक्तो ने जगत जननी मां जगदम्बे के सातवें स्वरुप मां कालरात्रि देवी की आराधना कर घर मे सुख-समृद्धि की कामना की।सुबह से लेकर देर सांय तक मन्दिरों व घरों मे घण्टा घडियालों के साथ मां के जयकारों की गूंज रही।शरदीय नवरात्र पर्व पर इन दिनो इत्रनगरी के गली मोहल्लो,मन्दिरों व घरों में हो रही आराधना से पूरा शहर भक्तमय बना हुआ है।प्रातःकाल से ही जगत जननी मां जगदम्बे की पूजा अर्चना के लिये श्रृद्धालु महिलाएं व पुरुष हाथों मे पूजा की थाली लेकर मन्दिरो के लिये निकल पड़ते है।नगर के काली दुर्गा मंदिर सरायमीरा,भद्रकाली मंदिर मकरन्द नगर,सिंह बाहिनी मंदिर, श्री आम्विका पथवारी देवी मंदिर भूडा, क्षेमकली मंदिर,चौधरी सराय स्थित बाबा मनकामेश्वर मंदिर,बलायपुल स्थित संतोषी माता मंदिर साहित अनेक देवी मन्दिरो मे उमड़े श्रृद्धालुओ को माता के दर्शन पाने के लिये खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।फूलो की खुशबू एवं भक्तों द्वारा किये जा रहे हवन की सुगन्ध से पूरा मन्दिर परिसर महक उठता है।नवरात्र के सातवें दिन भक्तो ने मां दुर्गा के सातवें स्वरुप मे माता कालरात्रि की बडे ही श्रृद्धा भाव से पूजा अर्चना की।मंदिर पुजारी आमोद दुबे व मंदिर के पुजारी शिखर मिश्र ने बताया कि मां दुर्गा की सातवीं शक्ति मां कालरात्रि के नाम से जानी जाती है।इनके शरीर का रंग घने अन्धकार की तरह एकदम काला है।इनके सिर के बाल बिखरे हुये है।गले मे विद्युत की चमकने वाली माला है।इनके तीन नेत्र है।ये तीनो नेत्र ब्रहााण्ड के सदृश गोल है। इनके विद्युत के समान चमकीली किरणें निःसृत होती रहती है।इनकी नासिक के श्वास प्रश्वास से अग्नि की भयंकर ज्वालाएं निकलती रहती है।इनका वाहन गर्दभ गदहा है।ऊपर उठे हुये दाहिने हाथ की वरमुद्रा से सभी को वर प्रदान करती है।दाहिनी तरफ के नीचे वाला हाथ अभय मुद्रा मे है। बायीं तरफ के ऊपर वाले हाथ मे लोहे का काटां तथा नीचे वाले हाथ मे खड्म है।मां कालरात्रि का स्वरुप देखने मे अत्यन्त भयानक है,लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली है।इसी कारण इनका नाम शुभकारी भी है।नवरात्र के सातवें दिन देवी भक्तो ने जगत जननी मां जगदम्बे के सातवें स्वरुप मां कालरात्रि देवी की आराधना कर सुख-समृद्धि की कामना की।