योग पर वाद विवाद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन।
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | सीएसए के कुलपति डॉ विजेंद्र सिंह के निर्देश के क्रम में योग पर वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन विश्वविद्यालय के सेवायोजन कार्यालय स्थित प्लेसमेंट हाल में किया गया। प्रतियोगिता के शुभारंभ पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ0 रामप्यारे द्वारा उपस्थित संकाय सदस्यों, निर्णायक मंडल के सदस्य तथा छात्र छात्राओं का स्वागत करते हुए कहा कि वाद विवाद प्रतियोगिता एक ऐसा माध्यम है। जिसके द्वारा छात्र छात्राओं में किसी विषय विशेष के संदर्भ में अपनी बात रखने की कुशलता विकसित होती है तथा संकोच दूर होता है। जिससे छात्र-छात्राएं भविष्य में नौकरी हेतु साक्षात्कार के लिए अपनी बात को बेहतर तरीके से रखने में सक्षम होंगे। इस अवसर पर निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र डॉ0 विजय कुमार यादव द्वारा छात्र छात्राओं को अच्छे स्लोगन लिखने के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि अच्छा स्लोगन संक्षेप में तथा प्रभावशाली होना चाहिए।प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के सदस्य के रूप में उपस्थित डॉ0 कौशल कुमार द्वारा प्रतिभागियों को अच्छे वाद विवाद के संबंध में तकनीकी जानकारी दी। डॉ0 वाई0 के0 सिंह द्वारा छात्र छात्राओं को योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए योग को दिनचर्या में शामिल करने पर बल दिया। डॉ0आर0बी0 सिंह द्वारा कहा गया कि वाद विवाद प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त करने के लिए वाद विवाद की विषय वस्तु को विभिन्न खंडों में विभाजित कर समय सीमा के अनुसार अपनी बात को रखे जाने का प्रयास किया जाना चाहिए। सह अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ0 राजीव द्वारा बताया गया कि प्रारंभिक अवस्था में संकोच खत्म करने के लिए छात्र-छात्राओं को शीशे के सामने खड़े होकर बोलने का प्रयास करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए सह अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ0 श्वेता द्वारा बताया गया कि आज के वाद विवाद का मुख्य उद्देश्य छात्र छात्राओं को योग के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ अच्छे संवाद के लिए निपुण करना था। प्रतियोगिता में पीएचडी, एमएससी तथा बीएससी के 147 छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया तथा योग के पक्ष में बोलते हुए छात्रा आस्था यादव प्रथम स्थान पर, गौरव तोमर दूसरे तथा अमित कुमार तीसरे स्थान पर रहे जबकि योग के विपक्ष में बोलते हुए छात्रा खुशी सिंह प्रथम स्थान पर, राजन शर्मा दूसरे स्थान पर तथा अनन्या त्रिपाठी तीसरे स्थान पर रही।
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