अहिल्याबाई ने अपना जीवन गरीबों दीन दुखियों के उत्थान के लिए किया समर्पित।
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | समाजवादी पार्टी कानपुर महानगर के तत्वाधान में आज भारतीय इतिहास की प्रसिद्ध शासक राजमाता अहिल्याबाई होल्कर की 298वी जयंती के अवसर पर नगर अध्यक्ष हाजी फजल महमूद की अध्यक्षता में सपा कार्यालय 7 नवीन मार्केट में विचार गोष्ठी संपन्न हुई विचार गोष्ठी का संचालन नगर उपाध्यक्ष मिंटू यादव ने किया विचार गोष्ठी में नगर अध्यक्ष हाजी फजल महमूद मिंटू यादव फैसल महमूद जावेद जमील नंदलाल जायसवाल आदि लोगों ने राजमाता अहिल्याबाई होलकर के चित्र पर माल्यार्पण करके उनको अपने श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके जीवन पर प्रकाश डाला इस अवसर पर सपा नगर अध्यक्ष हाजी फजल महमूद ने अपने संबोधन में कहा कि अहिल्याबाई होल्कर मराठा साम्राज्य की प्रसिद्ध महारानी तथा इतिहास प्रसिद्ध सूबेदार मल्हार राव होलकर के पुत्र खंडेराव की धर्मपत्नी थी उन्होंने माहेश्वर को राजधानी बना कर शासन किया इनका जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिला के चौढी गांव में हुआ था। हाजी फजल महमूद ने आगे बताया कि नारी शक्ति महान होती है वह अपने जीवन में क्या कर सकती है इसका उदाहरण प्रसिद्ध महारानी अहिल्याबाई होलकर है जीवन में परेशानियां कितने भी हो उनसे कैसे निपटना है या हमें अहिल्याबाई के जीवन से सीखना चाहिए हमें अपने जीवन काल मैं अहिल्याबाई होलकर ने बहुत परेशानियों का सामना किया कितनी भी विकट स्थिति रही हो उन्होंने कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और ना कभी अपने जीवन में हार मानी यही वजह है कि भारत सरकार ने भी उनको सम्मानित किया भारत सरकार ने अहिल्या बाई के नाम से डाक टिकट भी जारी किया और आज अहिल्या बाई के नाम से अवार्ड भी दिया जाता है।हाजी फजल महमूद ने आगे बताया कि उनके पिता मांक़जी शिंदे बहुत ही विद्वान पुरुष थे उन्होंने अहिल्याबाई को हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी उन्होंने बचपन से ही अहिल्याबाई को शिक्षा देना शुरू कर दिया था उस समय महिलाओं को शिक्षा नहीं दी जाती थी लेकिन उनके पिता ने अपनी बेटी को शिक्षा भी दी और अच्छे संस्कार भी दिए घर में पली-बढ़ी अहिल्याबाई बचपन से ही दया भाव वाली महिला थी उनका यही दया भाव और आकर्षक छवि ही उनके जीवन को इतना आकर्षक बनाती है। हाजी फजल महमूद ने आगे बताया कि अहिल्याबाई जब शासन में आई उस समय राजाओं द्वारा प्रजा पर उनके द्वारा अत्याचार हुआ करते थे गरीबों को अन्न के लिए तड़पाया जाता था और भूखे प्यासे रख कर काम करवाया जाता था उस समय अहिल्याबाई ने गरीबों को अन्न देने की योजना बनाई और वह सफल भी हुई उन्होंने अपनी प्रजा के लिए मंदिर पीने के पानी के लिए कुएं तालाब अनाज देने के लिए अनाज भंडारण खुलवा कर प्रजा की सेवा करती थी प्रजा में अहिल्याबाई को लोग माता की छवि मानते थे उनके जीवनकाल में ही उन्हें देवी के रूप में पूजने लगे थे। गोष्ठी में नगर अध्यक्ष हाजी फजल महमूद मिंटू यादव आरके सिंह यादव सत्यनारायण गहरवार फैसल महमूद नंदलाल जायसवाल जावेद जमील रियाज अहमद राजू राहुल यादव कमलेश ओमर मोहम्मद सारिक अलाउद्दीन अंसारी अर्पित आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे |
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