मन्दिर में दर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा नियमित दर्शनार्थियों के साथ होता रहता है दुर्व्यवहार।
*काशीशियों व साधु सन्यानी को दर्शन के दौरान गाली पूर्ण होता है अभद्र व्यवहार
*नियमित दर्शनार्थियों को पहुँचती है मानसिक और शारीरिक पीड़ा
*अपनी पीड़ा को नियमित दर्शनार्थियों ने ज्ञापन के माध्यम से मंदिर प्रशासन को सौपा
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस वाराणसी। काशी विश्वनाथ बाबा का बारहो महीने दर्शन करने वालों को दर्शन करने के लिए पुलिस की जलालत झेलनी पडती है। जो पास मंदिर प्रशासन से दिया गया है उसको देखने के बाद पुलिस वाले उन दर्शनार्थियों पर भड़क उठते है और अंदर नहीं जाने देते हैं। बाहर से आये श्रद्धालुओं पर गुलाब के पंखुड़ियों की वर्षा की जाती है, वहीं हम सबसे बेगानों की तरह व्यवहार किया जाता हैनित्य दिन पुलिसकर्मियों द्वारा काशीवासी भक्तजनों के साथ गाली गलौज किया जाता है, यहाँ तक कि महिलाओं के साथ भी अभद्र भाषा का उपयोग किया जाता है, अभद्रता का आलम यह है कि साधु सन्यासियों को धक्का देना आम बात है। तो क्या अपमानित और प्रताडित होकर काशीवासी दर्शन करना छोड़ दे ?
आस्था,भक्ति का प्रवेश द्वार है, आस्था और भक्ति से भगवान को सहज दिखाया है। जब अपनो
के समीप्य के लिए जन की वृद्धि के साथ व्यवसायी करण हो जाए तो वजह साफ हैमंदिर प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ता। हम सभी का यही गुनाह है कि हम काशीवासी है?विषेश पास मंदिर द्वारा जारी है उस पास को भी पुलिस प्रशासन द्वारा अमान्य कर दिया जाता है, ऐसा क्यों? माताओ बहनो का मंदिर प्रशासन से निवेदन है कि उपरोक्त समस्याओं का यथा शीघ्र निवारण करने की कृपा करे अन्यथा हम सभी जनों को न चाहते हुए भी कोई आगे की रणनीति के बारे में सोचना पड़ेगा।केदार शर्मा, राम जायसवाल, शुभम जायसवाल,राजीव पाण्डेय, रीना गुप्ता, आशा चौधरी व सतीश मिश्रा के साथ सैकड़ो लोगों की संख्या में नियमित दर्शनार्थी रहे।