जिला गन्ना अधिकारी ने ग्राम सैदपुर के प्रगतिशील किसान हरिशंकर मौर्य के खेत का किया भ्रमण।
जिला संवाददाता बुद्धसेन कश्यप
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस पीलीभीत।जनपद पीलीभीत जिला गन्ना अधिकारी खुशी राम भार्गव ने ग्राम सैदपुर के प्रगतिशील गन्ना किसान हरिशंकर मौर्य के खेत का भ्रमण किया। हरिशंकर मौर्य द्वारा दो एकड़ गन्ने के खेत मे सहफसली के रूप मे मटर बोया है। गन्ना किस्म कोशा. 13235 के साथ मटर की ए. पी.-3 प्रजाति दो एकड़ मे बोई गयी है। गन्ने की बुवाई चार फीट पर की गयी है तथा गन्ने की दो लाइन के बीच मे मटर की दो लाइन बोई गयी है। मौर्य द्वारा बताया गया कि वह गन्ने की अधिक बुवाई शरदकाल मे ही करते है और गन्ने के साथ विभिन्न फसलों की सहफसली खेती करते है। सहफसली के रूप मे उगाई गयी फसल से पूरी लागत निकल आती है और गन्ना फसल से अतिरिक्त लाभ मिल जाता है। दलहनी फसलों से घरेलू दाल की जरूरत भी पूरी होती है साथ ही ज़मीन मे नाइट्रोजन स्थिरीकरण से ज़मीन की उर्वरता भी बढ़ती है। जनपद में अब तक 8000 हे. मे 18327 किसानो द्वारा शरदकालीन गन्ना बुवाई की जा चुकी है। शरदकालीन गन्ना बुवाई से एक तरफ अधिक पैदावार मिलती जिससे आमदनी में इजाफा होता है तो दूसरी ओर अधिक चीनी पर्ता मिलने के कारण चीनी मिलो को भी फायदा है। गन्ने के साथ जब दलहनी फसले किसान बोता है तो उसे घरेलू दाल की जरूरत पूरी होती है साथ ही जमीन की उर्वरता मे भी सुधार होता है। कल्ले अधिक और सशक्त बनते है। यही कारण है की जनपद पीलीभीत के गन्ना किसान आर्थिक विविधता के लिये गन्ने के साथ मटर, मसूर, राजमा, चना, बांकला की खेती करते है। कुछ किसान आलू, फूलगोभी, पातगोभी, सरसो, अलसी, मूली, शलजम, लहसुन, धनिया की भी खेती करते है। सहफसली से गन्ने की जड़ो के बीच वायुसंचार बढ़ता है और मिट्टी की संरचना मे सुधार होता है। गन्ने मे प्रकाश और और हवा का संचार बढ़ने से रोग कीट कम लगते है। इस अवसर पर राम भद्र द्विवेदी ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक पीलीभीत, रोहतास उपाध्याय गन्ना पर्वेक्षक उपस्थित रहे।