फिल्मी दुनिया के महान गायक मुकेश की 47 वीं पुण्यतिथि मनाई गई ।
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस वाराणसी।डर्बीशायर क्लब के तत्वावधान में हर साल की तरह इस साल भी रविवार को फिल्मी दुनिया के महान गायक मुकेश साहब की 47 वीं पुण्यतिथि क्लब अध्यक्ष शकील अहमद जादूगर के नेतृत्व में पितरकुण्डा के कुण्ड पर मछलियों को चारा खिलाते हुए मनायी गयी।इस अवसर पर शकील अहमद जादूगर ने बताया कि मुकेश साहब मुम्बई में नायक बनने आए थे मगर वे एक गायक बनकर इस फिल्मी दुनिया में इतने नायाब गीत गाये जो उन्हें महान गायक की श्रेणी में खड़ा कर दिया। शकील ने कहा कि वैसे तो मुकेश साहब ने हजारों गीत गाये हैं मगर कुछ उनके यादगार गीत होठों पे सच्चाई रहती है जहां दिल में सफाई रहती है हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा रहती है, जिस गली में तेरा घर न हो बालमा उस गली से हमे तो गुजरना नहीं, जो तुमको जो पसन्द वहीं बात करेंगे तुम दिनको अगर रात कहो रात कहेंगे, चल री सजनी अब क्या सोचे कजरा न बह जाय रोते रोते, तेरी बिंदिया रे, किसी की मुस्कुराहट पे हो निसार, सबकुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी सच है दुनियावालो हम हैं अनाड़ी जैसे गीत आज भी लोगों की जुबां पर है। शकील ने कहा कि मुकेश साहब राजकपूर के अलावा राजेन्द्र कुमार, राजेश खन्ना, धर्मेन्द्र, फिरोज खान, मनोज कुमार, अमिताभ बच्चन की आवाज बन चुके थे उनके गाये सारे गीत आज भी लोग चाव से सुनते हैं। शकील ने कहा कि 27 अगस्त 1976 को अमेरिका के एक कार्यक्रम में गाना गाते हुए मुकेश साहब को दिल का दौरा पड़ा और वे वहीं इस फानी दुनिया से रूखसत हो गए।शकील ने मुकेश साहब के चित्र पर माला फूल चढ़ाया तथा कुण्ड की मछलियों को चारा खिलाते हुए मुकेश साहब को श्रद्धांजलि अर्पित किया।कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रमोद वर्मा, हैदर मौलाई, आफाक हैदर, हाजी असलम, अरशद खां, अब्दुल रहमान, चिंतित बनारसी, जावेद हुसैन, मुजहाब पप्पू, रहे।
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