हेयर ट्रांसप्लांट के करिश्में से पाएं बालों के झड़ने की समस्या से निजात : डॉ ध्वनि सक्सेना |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | बालों के झड़ने की समस्या से लगभग हर कोई जूझता है फिर चाहे पुरुषों हो या महिला, दोनों इस समस्या से प्रभावित होते हैं। अक्सर यह समस्या बहुत गंभीर बन जाती है। बालों से व्यक्ति की सुन्दरता तो दिखती है, साथ ही बाल होने से व्यक्ति का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। बालों का झड़ना कई आनुवंशिक, पर्यावरणीय और सिस्टेमेटिक फैक्टर्स के साथ-साथ लाइफस्टाइल विकल्पों के कारण भी हो सकता है। चिंता की बात यह है कि कई लोगों के बाल जब उनकी उम्र 20 की होती है तभी से ही झड़ना शुरू हो जाते हैं। भारत में बहुत ज्यादा प्रदूषण और ऑटोइम्यून बीमारियाँ आदि कई ऐसे कई फैक्टर हैं जिससे बालों के झड़ने की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।
जो लोग बालों के झड़ने की समस्या से पीड़ित रहते हैं उनके लिए हेयर ट्रांसप्लांट एक ऐसा समाधान होता है जिससे वे अपने पूरे सिर के बालों को फिर से उगा सकते हैं। हेयर ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया होती है। इससे मौजूदा बालों को पतले या बिना बाल वाले क्षेत्रों में शिफ्ट किया जाता है। इस प्रक्रिया को अंजाम देने से पहले व्यक्ति के स्कैल्प को साफ़ किया जाता है और फिर मरीज को कोई दर्द न हो, इसके लिए उसे एनेस्थेसिया दिया जाता है। हेयर ट्रांसप्लांट के लिए दो प्राइमरी तरीके अपनाए जाते हैं। पहला फॉलिक्युलर यूनिट स्ट्रिप सर्जरी और दूसरा फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन । में सिर के पीछे से त्वचा की एक पट्टी निकाली जाती है, जिसे बाद में सावधानीपूर्वक अलग-अलग बालों वाले छोटे ग्राफ्ट में बांटा जाता है। में बालों के रोमों को एक-एक करके निकाला जाता है। दोनों तरीकों द्वारा टार्गेटेड क्षेत्रों में ग्राफ्टों को सावधानीपूर्वक लगाना शामिल होता है। हेयर ट्रांसप्लांट में लगने वाला समय इस बात पर निर्भर करता है कि ट्रांसप्लांट का दायरा कितना है। मरीज बालों को और ज्यादा घना बनाने या झड़ने की समस्या से निजात पाने के लिए अतिरिक्त प्रक्रियाओं का विकल्प भी चुन सकते हैं।