सच्चे भक्तों का हर कष्ट हरते है प्रभु:स्वामी महेश्वरा नंद सरस्वती
-ग्राम गदनपुर ठठिया में चित्रमाली श्री हनुमान धाम पर चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
कन्नौज ब्यूरो पवन श्रीवास्तव के साथ प्रिंस श्रीवास्तव
हिंदुस्तान न्यूज एक्सप्रेस कन्नौज संवाददाता।सदर क्षेत्र के ग्राम गदनपुर ठठिया में चित्रमाली श्री हनुमान धाम पर चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिवस की कथा में कथा वाचक दंडी स्वामी स्वामी महेश्वरा नंद सरस्वती जी महाराज ने अजामिल की सद्गति की कथा कही। उन्होंने अजामिल की कथा सुनाते हुए कहा कि कन्नौज के दासी पति ब्राह्मण अजामिल की कथा प्रसिद्ध है। उनके सबसे छोटे पुत्र का नाम नारायन था। वृद्ध अजामिल ने पुत्र मोह में अपना सम्पूर्ण हृदय अपने बच्चे नारायण को सौंप दिया था। उसकी तोतली बोली सुनकर अजामिल फूला नहीं समाता वह प्रतिदिन सुबह शाम अपने पुत्र का नाम जब भी पुकारते तो उनके पुत्र का नाम नारायण होने की वजह है भगवान का नाम स्वयं ही स्मरण हो जाता था। अजामिल के जीवन के अंत समय में जब भगवान के पार्षद उनको लेने आए तो उन्होंने अपने पुत्र को उसके नाम नारायण कह कर पुकारा जिस कारण यमराज गण असमंजस में पड़ गए क्योंकि अंत समय में ईश्वर का नाम स्मरण करने पर उसको मोक्ष प्राप्त होता है। इस प्रकार अंत समय में नारायण नाम लेने मात्र से उन्हें मोक्ष प्राप्त कर सद्गति प्राप्त हुई उन्हे मोक्ष पाकर भगवान जगदीश्वर के चरणों में स्थान मिला।