अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर महिलाचिकित्सालय में गर्भवतियों को कराया जा रहा योग का अभ्यास |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | गर्भावस्था मे हमेशाजोखिम का खतरा रहता है परंतु स्वास्थ्य और पोषण का ख्याल रख कर इसको सामान्य बनायाजा सकता है और इसमे योग प्राणायाम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं गर्भावस्था मेंयोग गर्भवती को शारीरिक,मानसिक और आत्मिकस्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है और एक स्वस्थ और सुखी मातृत्व का आनंददेता है।
योग की महत्वता को बताने और इसके प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हीप्रतिवर्ष 21 जून को 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' मनाया जाता है।
जिला महिलाचिकित्सालय, डफ़रिन की प्रमुख अधीक्षिका डॉ सीमा श्रीवास्तव का कहना है कियोग केवल शरीर को घुमाना और मोड़ना ही नहीं है। अगर यह सही तरीके से किया जाए,तो यह बेहदच फायदेमंदहो सकता है, खासकर गर्भावस्था के दौरान। वास्तव में, गर्भावस्था के दौरान योग का सबसे अच्छा लाभहै कि यह आपको सांस लेने और आराम करने में मदद करता है। इससे आपको अपने शरीर कोगर्भावस्था, प्रसव पीड़ा, शिशु के जन्म और मातृत्व के लिए तैयार करने में मदद मिलती है।योग मन और शरीर को शांत करता है, जिससे शारीरिक और भावनात्मक तनाव से राहत मिलती है,जिसकी आवश्यकता आपकेशरीर को पूरी गर्भावस्था में होती है। गर्भावस्था में सामान्य प्रसव के लिए बहुतसी महिलाएं प्रसव पूर्व योग का भी अभ्यास करती हैं। पर गर्भावस्था की किसी भीतिमाही में योगासन शुरू करने से पहले चिकित्सकीय परामर्श जरूरी है । स्त्री रोग विशेषज्ञऔर मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ रूचि जैन का कहना है गर्भावस्था के दौरान योगअभ्यास का विशेष महत्त्व है। यह न केवल गर्भवती के लिएलाभकारी माना जाता है, बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी इसके कई फायदे हैंं।योगाभ्यास करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं रक्त संचरण सुचारु रूप से होता है और प्रसव के लिए तैयार होने में मदद मिलतीहै। मानसिक तनाव कम करने में भी योग की अहम भूमिका है। गर्भावस्था में योग करनासुरक्षित है, बशर्ते यह किसी प्रशिक्षित योग गुरु के निर्देशन में किया जाए।
- गर्भावस्था में योगऔर ध्यान से तनाव कम होता
चिकित्सालय प्रबंधकडॉ दरक्शा परवीन का कहना है कि गर्भावस्था के समय यदि महिलाएं नियमित रूप सेव्यायाम, योगा और ध्यान करती हैं तो बहुत हद तक संभव है कि डिलीवरीसामान्य हो जाए तथा सिजेरियन ना करनी पड़े। किस महीने में कौन से व्यायाम करनेचाहिए, इसका पता होना भीबेहद जरूरी है। हालांकि ऑप्रेशन होने के अपने चिकित्सीय कारण होते हैं,लेकिन इसके बाद भीसमाज में सामान्य प्रसव को लेकर तीव्र इच्छा को देखते हुए चिकित्सालय में गर्भवतीमहिलाओं में सामान्य प्रसव के लिए योगा, मेडिटेशन व डायट को लेकर एक ट्रायल किया जा रहाहै जिसका परिणाम बेहद सकारात्मक मिल रहा ।
- गर्भावस्था में योगसे मिल रही ऊर्जा
काकादेव क्षेत्र कीरजनी सिंह गर्भवती हैं और बताती हैं कि मेरी गर्भावस्था का अभी सातवां महीना चलरहा है और मैं अभी तक हर सुबह चिकित्सालय में बताये गए योग क्रिया का अभ्यास करतीहूं। इससे मैं खुद को बेहद ऊर्जावान महसूस करती हूं और रात को मुझे बहुत अच्छी औरगहरी नींद आती है, जो पहले नहीं होता था। यह मेरे होने वाले बच्चे के लिए अच्छा है,क्योंकि मैं रात कोआराम से सो सकती हूं। हर सुबह योग के बाद मैं खुद को बहुत हल्का महसूस करती हूं।यह अहसास बहुत ही अच्छा होता है।
-जिला महिलाचिकित्सालय में मिडवाइफ्स करवा रहीं योगाभ्यास
मिडवाइफ़ अनुपमाबताती है कि किसी भी अन्य व्यायाम की तरह गर्भावस्था में योग करने के लिए भी आपकोकुछ निश्चित दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी होता है । गर्भावस्था में योगअभ्यास करने का सबसे सुरक्षित तरीका है कि आप प्रसव-पूर्व योग कक्षाओं में भागलें। जिला महिला चिकित्सालय में यह कक्षाएं खासतौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए होतीहैं। क्लास में शामिल होने का एक फायदा यह भी है कि आपको अपनी जैसी अन्य गर्भवतीमहिलाओं से मिलने का मौका मिलता है। उनका कहना है कि हर इंसान अलग है और हर गर्भावस्था भी अलग होतीहै। इसलिए बेहतर है कि आप प्रशिक्षित योग गुरु की सलाह का पालन करें।