सतगुरु के द्वारा जानकर उनके बताए मार्ग पर चलकर अपने मन को करें निर्मल |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | प्रख्यात आध्यात्मिक एवं समाजसेवी संस्था मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा श्री हंस मंदिर आश्रम में विभिन्न वर्ग जाति धर्म तथा संप्रदाय से आए हुए श्रोताओं की भीड़ को संबोधित करते हुए साध्वी प्रज्ञा बाई जी संपदा बाई जी चंदन बाई जी ने अपने विचार रखे अंत में श्री सतपाल जी महाराज जी की परम शिष्य हरिद्वार से पधारे महात्मा हरिसंतोषानंद जी अपने सत्संग विचार में कहा कि रामचरितमानस में भगवान श्रीराम समझाते हुए कहते हैं कि निर्मल मन जन सो मोहि पावा मोहि कपट छल छिद्र न भावा अथार्थ जिस मानव का मन निर्मल है वही मुझे प्राप्त कर पाता है मुझे कपट छल छिद्र आदि मुझे नहीं सुहाते हैं जब तक मनुष्य के मन में अनेक प्रकार के विकार अशुभ विचार तथा खराब संस्कारों की मौजूदगी रहेगी तब तक मानव का मन प्रभु भक्ति में नहीं लगेगा परमात्मा की प्राप्ति तभी संभव है जब वह प्रभु भक्ति के मार्ग को तत्वदर्शी सतगुरु के द्वारा जानकर उनके बताए मार्ग पर चलकर अपने मन को निर्मल करे l कार्यक्रम में मुख्य रूप से शैलेंद्र पाल, शैलेंद्र सेंगर, गिरधारी लाल गुप्ता, अवधेश कटियार, यतेन्द्र यादव, रामपाल यादव, मिथलेश सोनी, उर्मिला उत्तम,कृष्णकांत, अमित यादव, करन कठेरिया, राजेन्द्र वर्मा, हरिकरन सिंह आदि रहे |
|