गर्भवती और बच्चों के लिए वरदान है सहजन
U-घरों में आसानी से लग सकता है सहजन, पोषण वाटिका में सहजन के पौधे लगाने पर ज़ोर
U-पोषण माह के अंतर्गत सहजन के गुणों का किया जा रहा प्रसार
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | सहजन खाने से दिमाग का विकास होता है। इसके साथ ही खून की कमी नहीं होती है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, सर्दी, खांसी, फ्लू आदि से बचाता है, हड्डियां मजबूत होती हैं। गर्भावस्था, धात्री व बच्चों में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए सहजन तथा सहजन की पत्तियां अत्यंत सहायक होती हैं। गर्भवती महिलाओं व कम आयु के बच्चों के लिए यह वरदान है। इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं जो संक्रमण में रक्षा करते हैं। यह कहना है जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दुर्गेश प्रताप सिंह का। डीपीओ ने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन के निर्देशन में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा एक सितम्बर से संचालित पोषण माह के तहत कार्यक्रमों और गतिविधियों का सुचारु रूप से संचालन किया जा रहा है। पोषण माह के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका बच्चों एवं महिलाओं के पोषण में सुधार के लिए निरंतर काम कर रही हैं। वह अति कुपोषित बच्चों का चिह्नीकरण कर उनका संदर्भन कर रहीं हैं। पोषण अभियान का एकमात्र उद्देश्य जनपद को कुपोषण मुक्त बनाना है। इसी के मद्देनजर पोषण माह के अंतर्गत पोषण वाटिका (किचन गार्डन) लगाने पर भी जोर दिया जा रहा है जिसमें सहजन, गिलोय और तुलसी का पौधा लगाने पर जोर दिया गया है। इन पौधों में सहजन के पौधे का कुपोषण को दूर भगाने में अहम योगदान है जिसके लिए शासन के द्वारा पोषण वाटिका का भी निर्माण कराया जा रहा है जिसमें सहजन के पौधे लगाने पर जोर दिया जा रहा है।
सहजन के सेवन से होता नर्वस सिस्टम में सुधार जिला महिला अस्पताल की मख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रूचि जैन बताती हैं कि गर्भवती व धात्री महिलाओं तथा कम आयु के बच्चों को पोषक तत्वों की जरूरत एक सामान्य व्यक्ति से कहीं ज्यादा होती है। इस अवस्था में यदि सहजन का उपयोग दैनिक आहार में किया जाए तो माँ तथा गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास होगा। सहजन के सेवन से नर्वस सिस्टम में सुधार होता है। आँगनवाड़ी कार्यकत्रियां बता रहीं सहजन के गुण ब्लॉक बिधनू की बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) रतना श्रीवास्तव ने बताया की पूरे सितम्बर माह मनाये जाने वाले पोषण माह के अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लोगों को सहजन के फायदे बता रहीं हैं ताकि आम लोग इसे अपने घरों में लगा सकें। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर सहजन के पौधे लगवाने का मुख्य उद्देश्य गर्भवती और कुपोषित बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य पर बल देना है। उन्हें प्रेरित किया जा रहा है कि सहजन की सब्जी, सूप आदि का प्रयोग करने से उनका स्वास्थ्य बेहतर होगा साथ ही जन्म लेने वाले बच्चे भी स्वस्थ होंगे। भोजन में पोषक तत्वों की कमी ही मुख्य रुप से कुपोषण का कारण है। कुपोषण से सुपोषण की ओर जाने के लिए पोषण वाटिका का बहुत ही अधिक महत्व है। गुणकारी है सहजन सहयोगी संस्था यूनिसेफ के मंडलीय समन्वयक आशीष शुक्ला ने बताया कि सहजन बहुत ही गुणकारी सब्जी है। इस पोषण वाटिका का उद्देश्य घरेलू स्तर पर पोषण संबंधी साग सब्जी प्रयोग की महत्ता पर प्रकाश डालना है जिससे लोग घरेलू स्तर पर ही पोषण युक्त साग-सब्जियां उगाकर उसका प्रयोग करे। ग्रामीण क्षेत्र में पाया जाने वाला सहजन कुपोषण से जंग लड़ेगा। सहजन की पत्तियों में काफी मात्रा में विटामिन, कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है।