होम कानपुर कानपुर आस-पास अपना प्रदेश राजनीति देश/विदेश स्वास्थ्य खेल आध्यात्म मनोरंजन बिज़नेस कैरियर संपर्क
 
  1. सूचना पर पहुंची पुलिस ने चालक समेत डंफर को पकड़ा, कन्नौज आरटीओ ऑफिस से वापस घर जा रहा था बाइक सवार युवक, सौरिख क्षेत्र के भटपुरी गांव का रहने वाला है मृतक की युवक, तिर्वा कोतवाली क्षेत्र के अगौस गांव के पास की घटना।
  2.      
  3. कन्नौज - तेज रफ्तार डंफर ने बाइक में पीछे से मारी जोरदार टक्कर, हादसे में बाइक चालक की मौके पर हुई दर्दनाक मौत,
  4.      
  5. गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के सीमान्त नगर में हुआ हादसा।
  6.      
  7. हादसा पीड़ितों का आरोप फोन करने के काफी देरी बाद बंद की गयी सप्लाई।
  8.      
  9. करंट की चपेट में आये कई परिवारों के 20 लोग मचा हड़कंप। 2 घायलों अस्पताल में चल रहा इलाज ।
  10.      
  11. एचटी लाइन टूटकर घरों की छत पर गिरी। तार गिरने से कई घरों में दौड़ा 11 हजार वोल्ट का करंट।
  12.      
  13. कन्नौज - तेज हवाओं के कारण हुये शार्ट सर्किट से टूटी एचटी लाइन।
  14.      
  15. कन्नौज- सोशल मीडिया पर युवक ने पोस्ट पर की अभद्र कमेंट, हिंदू देवी देवताओं को लेकर सोशल मीडिया पर की गई अभद्र टिप्पणी, पोस्ट से गुस्साए लोगों ने थाने में पहुंचकर हंगामा करते हुए किया प्रदर्शन, मौके पर पहुंची सीओ ने हंगामा कर रहे लोगों को समझाया, स्थानीय लोगों ने आरोपी के खिलाफ पुलिस को दी तहरीर, पुलिस मामले की जांच में जुटी, कन्नौज के ठठिया कस्बे का मामला।
  16.      
  17. सदर क्षेत्र विनोद दीक्षित परिसर के पास का मामला।
  18.      
  19. सभी मे टेक्नीशियन और पैथोलॉजिष्ट नदारद, नोडल डॉक्टर ओपी गौतम ने 4 पैथोलॉजी को जारी किया नोटिस,3 दिनों में जवाब न देने पर सीज तक होने की कारवाही की कही बात,
  20.      
  21. बिना रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल पैथोलॉजी रही चल,छापेमारी देख भागे कई सेंटर संचालक,
  22.      
  23. सीएमओ कार्यालय के बगल में चल रहे मानक विहीन पैथोलॉजी,एक्सरे,जांच सेंटर,
  24.      
  25. कन्नौज-स्वास्थ्य विभाग की ताबड़तोड़ करवाही से मचा हड़कम और खुली पोल
  26.      
  27. बच्चे मौत से परिजनों में मचा कोहराम तालग्राम क्षेत्र के अचनकापुर प्राथमिक विद्यालय की घटना
  28.      
  29. स्कूल परिसर में खेलने के दौरान हादसा
  30.      
  31. कन्नौज-स्कूल परिसर में रखी शिला लेख गिरी हादसे में दबकर एक बच्चे की हुई मौत
  32.      
  33. दरवाजा बंद करते वक्त हुआ दर्दनाक हादसा
  34.      
  35. गुरसहायगंज के एक घर में हुआ हादसा
  36.      
  37. हादसे में व्यापारी की मौत, एक घायल
  38.      
  39. कन्नौज-भैंस खरीदने आए व्यापारी पर गिरा छज्जा
  40.      
 
 
आप यहां है - होम  »  स्वास्थ्य  »  समय रहते कैंसर की पहचान, बचा सकती है 70 फीसदी तक मरीजो की जान
 
समय रहते कैंसर की पहचान, बचा सकती है 70 फीसदी तक मरीजो की जान
Updated: 9/14/2024 10:31:00 PM By Reporter- rajesh kashyap kanpur

समय रहते कैंसर की पहचान, बचा सकती है 70 फीसदी तक मरीजो की जान
U- 50 फीसदी मरीज टीबी के भ्रम में समय को करते है बर्बाद
U-टीबी के साथ कैंसर की जांच करवाना मरीज के लिए रहता है हितकर
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। ब्लड कैंसर डे पर जीएसवीएम मेडिकल कालेज में कैंसर मरीजो को लेकर डॉ कुश पाठक द्वारा चर्चा की गई। डॉ कुश पाठक ने बताया कि अगर कैंसर की पहचान जल्द और समय पर हो जाए तो मरीज के 70 फभ्सदी तक बचने की चांस होते है।
ब्लड कैंसर डे पर डॉ कुश पाठक ने बताया कि 2 से 50 वर्ष तक की आयु वाले लोगो में कैंसर की संभवना ज्यादा बढ़ रही है और वह अंतिम स्टेज पर डाक्टरो के पास पहुंच रहे है। इन मरीजो में डब्लूबीसी (वहाइट ब्लड सेल) और लिम्फोसाइट देखने को मिल रहे है। जिसमें कैंसर की गांठे निम्न स्तर पर देखने को मिलती है जैसेें गले में गांठ का पडना, जांघो के बीच गांठ का पडना, पेट में गांठ का पडना, काख में गांठ का होना प्रमुख है। अधिकांश मरीजो में ऐसी गांठो का पडना टीबी की बीमारी होने का भी इशारा करती है। क्योंकि अक्सर देखा गया है कि गांठ पडने पर टीबी की जांचे चालू कर दी जाती जबकि पहली स्टेज में बायोप्सी के द्वारा ही पूर्व में जांच करवा लेनी चाहिए। कैंसर के टाइप-बी के सिम्टम्स में बुखार का आना, वजन का गिरना प्रमुख कारण है। उन्होंने बताया कि टीबी के भ्रम में ल्युकोमा को नजरअंदाज करना मरीज के लिए खासा परेशानी का कारण बन जाती है। इसके लिए मॉलिकुलर स्टडी, पैट स्कैन और बायोप्सी के द्वारा इसकी पहचान की जा सकती है। डॉ कुश पाठक ने बताया कि अगर कैंसर के मरीज में कैंसर होने की पुष्टि का समय रहते पता चल जाए तो मरीज की 70 फीसदी तक जान बचाई जा सकती है। जबकि वहीं 50 फीसदी लोग भ्रम में रहते है कि उन्हें टीबी की गांठ है और उसका इलाज कराते है ,लेकिन जब इलाज से सही नही होता है और वह जब कैंसर से सम्बंधित डाक्टर्स के पास पहुंचते है तब तक काफी देर हो चुकी होती है और वह अपनी अंतिम स्टेज पर पहुंच जाते है। डॉ कुश पाठक ने कहा कि ऐसे मरीजो को टीबी की जांच के साथ ही मॉलिकुलर स्टडी, पैट स्कैन, व बायोप्सी के द्वारा जांच करवा लेनी चाहिए क्यों कि अक्सर ऐसे मरीज भ्रम की स्थित में रहते है औश्र इसे दूर करने के लिए इन जांचो का होना बहुत ही जरूरी है।

Share this :
   
State News से जुड़े हर ताज़ा अपडेट पाने के लिए HNS के फ़ेसबुक पेज को लाइक करें
 
प्रमुख खबरे
प्लेटलेट्स और प्लाज्मा के लिए कानपुर की नहीं लगानी होगी दौड़
फार्माकोलॉजी ने आयोजित की क्विज प्रतियोगिता
डीपीटी व टीडी से वंचित चल रहे बच्चे टीकाकरण से होंगे संतृप्त
राष्ट्रीय फर्माकोविजिलेंस सप्ताह 2024 का शुरू हुआ आयोजन
प्रधानमंत्री श्नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष्य पर रक्तदान शिविर का हुआ असयोजन
 
 
 
Copyright © 2016. all Right reserved by Hindustan News Express | Privecy policy | Disclimer Powered By :