यूपीयूएमएस के स्त्री एवं प्रसूति विभाग ने दुर्लभ ऑपरेशन कर रचा नया कीर्तिमान, अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की।
*डॉक्टर्स की टीम ने लैप्रोस्कोपिक (दुर्बीन विधि) से 26 वर्षीय महिला का योनि मार्ग अत्यंत प्राकृतिक और सटीक तरीके से बनाया।
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस इटावा (सैफई) ।उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के स्त्री एवं प्रसूति विभाग की प्रो. (डॉ.)वैभव कांति और उनकी टीम ने एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। 26 वर्षीय महिला, जो '"एम आर के एस" सिंड्रोम' से पीड़ित थी,जिसमें महिलाओं का जन्म से ही गर्भाशय और योनि मार्ग विकसित नहीं होते, हालांकि अंडाशय होते हैं इस परिस्थिति में दुर्बीन विधि से सफल ऑपरेशन कर नया योनि मार्ग बनाया गया। यह एक जटिल स्थिति थी।
कुलपति प्रो (डॉ) प्रभात कुमार सिंह ने प्रो ( डॉ) वैभव कांति व पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह ऑपरेशन न केवल विभाग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह भविष्य में ऐसे और भी जटिल मामलों में सफलता की दिशा में एक नया मार्ग प्रशस्त करता है।विभागाध्यक्ष प्रो (डॉ. )कल्पना कुमारी ने इस अवसर पर डॉ वैभव कांति को बधाई देते हुए बताया कि इस दुर्लभ ऑपरेशन ने महिला के जीवन में एक नया अध्याय जोड़ा है। प्राकृतिक रूप से माँ बनने में असमर्थ इस महिला को इस सर्जरी से दाम्पत्य जीवन का सुख प्राप्त होगा। साथ ही, भविष्य में वह अपने अंडाशय का उपयोग करके किसी अन्य महिला की कोख के माध्यम से संतान सुख भी प्राप्त कर सकती है।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान, रायबरेली के स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग में विभागाध्यक्ष रहीं प्रो (डॉ) वैभव कांति ने कुछ माह पूर्व ही सैंफई में पुनः अपनी सेवाएं देना शुरू किया है। उन्होंने बताया कि इस जटिल ऑपरेशन को लैप्रोस्कोपिक (दुर्बीन विधि) से अंजाम दिया गया, जिससे योनि मार्ग अत्यंत प्राकृतिक और सटीक तरीके से बनाया गया। ऑपरेशन के बाद रोगी की हालत तेजी से सुधर रही है और जल्द ही उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।इस अभूतपूर्व सफलता में डॉ. वैभव कांति के साथ डॉ. एस.पी. सिंह (सर्जरी विभाग), डॉ. विपिन गुप्ता (सर्जरी विभाग), डॉ. उर्वशी (एनेस्थीसिया विभाग), डॉ. प्रगति, डॉ. सारिका, डॉ. शिल्पी (स्त्री एवं प्रसूति विभाग), और वरिष्ठ रेजिडेंट डॉ. आदित्य ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।