आईआईटी के अंतराग्नि-24 में स्टेम सेल दान करने के बारे में जागरूकता फैलाने की मुहिम शुरू
U-संभावित जीवनरक्षक के रूप में 350 से ज़्यादा छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | ब्लड कैंसर के खिलाफ संघर्ष के लिए समर्पित एक प्रमुख गैर-लाभकारी संगठन, डीकेएमएस-बीएमएसटी फाउंडेशन इंडिया ने भारत में ब्लड कैंसर के बढ़ते मामलों तथा उपचार के विकल्प के रूप में स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की अहम भूमिका के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने की अपनी कोशिशों को लगातार जारी रखा है। डीकेएमएस-बीएमएसटी फाउंडेशन इंडिया ने अपने इन्हीं प्रयासों के तहत देश के बेहद सम्मानित संस्थान, आईआईटी कानपुर के वार्षिक महोत्सव, अंतराग्नि 24 में स्टेम सेल डोनर रजिस्ट्रेशन अभियान का संचालन किया। बीते 55 सालों से आयोजित यह कार्यक्रम एशिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक उत्सवों में से एक है, इसका सभी को बेसब्री से इंतज़ार रहता है। इस बार के आयोजन में 20,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। ब्लड कैंसर भी कैंसर का ही एक प्रकार है, जो खून के साथ-साथ बोन मैरो को प्रभावित करता है। हाल के वर्षों में इसके मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है। अक्सर स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन को ऐसी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की ज़िंदगी बचाने वाला उपचार विकल्प माना जाता है। इलाज के ज़रिये जान बचाने की इस प्रक्रिया में, मरीजों के शरीर में मौजूद बीमार या खराब हो चुके बोन-मैरो सेल्स को मैचिंग डोनर के स्वस्थ स्टेम सेल्स से बदल दिया जाता है। इस तरह मरीज के शरीर में सेहतमंद ब्लड स्टेम सेल्स बनने की शुरुआत होती है और उन्हें एक नई ज़िंदगी मिलती है। हालाँकि, मैचिंग स्टेम सेल डोनर ढूँढना काफी मुश्किल हो सकता है, क्योंकि किसी मरीज को रजिस्ट्री पर मैचिंग डोनर मिलने की संभावना दस लाख में से केवल एक होती है। भारत में हर साल 1 लाख से ज़्यादा लोगों में ब्लड कैंसर या खून से संबंधित बीमारियों का पता चलता है। ब्लड स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की सफलता के लिए, मरीज को ऐसे को डोनर की जरूरत होती है जिनका एचएलए उनसे मेल खाता हो। बदकिस्मती से, भारत के सिर्फ 0.09% लोगों ने ही संभावित डोनर के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराया है। भारतीय मूल के मरीजों और डोनर्स के एचएलए (ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन) की खास विशेषताएँ होती हैं, जो ग्लोबल डेटाबेस में बहुत कम दिखाई देता है, और इसकी वजह से मरीज के लिए सबसे सही डोनर मिलना और भी मुश्किल हो जाता है।