गीतकार पद्मश्री गोपाल दास नीरज की मनाई गई जयंती |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। "मानव होना भाग्य है कवि होना सौभाग्य" जैसी अद्भुत पंक्तियों के जनक प्रख्यात गीतकार पद्मश्री गोपाल दास "नीरज" की शताब्दी जयंती परेड पर मुरारी लाल पुरी सामाजिक संस्था द्वारा मनाई गई। इस मौके पर काव्य गोष्ठी का आयोजन उनके सम्मान में किया गया। कवि संजय मिश्र ने "मेरा हमदम कैसा लगता है, "बताए चांद क्या तेरे जैसा लगता है" सुनाकर वाहवाही लूटी। कवि पवन सबरस ने "तुम्हें भूलना तो चाहा लेकिन भुला न पाए, "जन्मोत्सव है तुम्हारा तुम ही नजर न आए" सुनाकर अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।
गोष्ठी के शुरुवात कवि मुकेश श्रीवास्तव द्वारा
"पाती जो कानपुर के नाम लिखी, उससे मशहूर हो गए नीरज। राजधानी बना लिया दिल को, गीतों के नूर हो गए नीरज। सुनाकर नीरज जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।।इस सुअवसर पर कवि नीरज जी के परिवारजन अतुल सक्सेना भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उमेश शुक्ला ने की। समारोह में प्रमुख रूप से सुधांशु त्रिपाठी, कृपेश त्रिपाठी, जितेन्द्र मिश्रा, विकास गौड़, प्रशांत पुरी, संजय भारती, संजीव त्रिपाठी, अरुणेश निगम, राजू श्रीवास्तव, अतुल सक्सेना, प्रदीप पांडे, अमिताभ मिश्र आदि उपस्थित थे। धन्यवाद कार्यक्रम संयोजक जितेन्द्र मिश्रा ने दिया।