डीजीएमई ने किया मेडिकल कालेज का निरीक्षण, जताई संतुष्टि
U- 100 वेंटिलेटर में 90 चालू होलत में , 10 पूरी तरह से हुए खराब
U- कालेज प्रशासन के अच्छे कार्यो से सीएसआर फंड से मिलेंगे 450 करोड अनुदान
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। उत्तर प्रदेश शासन के दिशा निर्देश के क्रम में मरीजो को मिल रही स्वास्थ्य सुविधाओ के बारे में कानपुर जीएसवीएम मेडिकल कालेज निरीक्षण करने पहुंची डीजीएमई (महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा स्वास्थ्य) किजंल सिंह ने कालेज से सम्बंधित अस्पताल में व्यवस्थाएं चाक चौबंद पायी। उन्होंने कालेज प्राचार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि कालेज प्रशासन द्वारा अच्छे कार्यो को लेकर 450 करोड सीएसआर फंड से दिया जाएगा ताकि मरीजो को और बेहतर और अराधुनिक सुविधाएं मिल सके।
उप्र शासन की डीजीएमई किंजल सिंह जीएसवीएम मेडिकल कालेज पहुंची जहां उन्होंने जेआर और सीनियर डाक्टरो को मरीजो से अच्छा व्यवहार करने की सलाह दी। उन्होंने डाक्टरो से कहा कि जीवन देने का श्रेय केवल डाक्टरो को ही जाता है, इस लिए डाक्टरो को मरीजो और उनके तीमारदारो के प्रति संवेदशील होना चाहिए। इसके बाद वह सुपर स्पेशिलिटी पीएमएसएसवाई पहुंची जहां उन्होंने 200 करोड से निर्मित भवन का निरीक्षण किया। प्राचार्य से उन्होंने इस बावत जानकारी की तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में 30 आईसीयू बेड है और यहां पर कानपुर के आस पास के लगभग 18 जिलो से मरीज इलाज करवाने आता है। सुपर स्पेशिलिटी देख कर उन्होंने प्राचार्य प्रो. डॉ संजय काला एवं सुपर स्पेशिलिटी के नोडल अधिकारी डॉ मनीष सिंह की सराहना की। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय के अच्छे कार्य एवं व्यवहार को देखते हुए सीएसआर फंड से शासन 450 करोड का अनुदान देगा जो अत्याधुनिक उपकरणो से लैस होगा। इसके साथ ही उन्होंने साफ-सफाई पर जोर देते हुए और बेहतर करने का निर्देश दिया। इसके बाद उन्होंने वार्ड संख्या-1 पहुंची और वेंटिलेटर को लेकर उन्होंने प्राचार्य से जानकारी मांगी तो उन्होंने बताया कि 100 वेंटिलेटर में 90 काम कर रहे है जबकि 10 वेंटिलेटर पूरी तरह से खराब हो चुके है जिनका बनना संभव नही है। किजंल सिंह ने लामा और रिफर किए जाने वाले मरीजो की डिटेल मांगी है।
- घर बैठे मरीज कर सकेगें रजिस्ट्रेशन
डीजीएमई किंजल सिंह ने मरीजो को अस्पताल के चक्कर और लाइन न लगानी पडे इसके लिए उन्होंने एक बेबसासइट ( pgikanpur.com) का भी उद्घाटन किया। इस बेब साइट पर जाकर मरीज घर बैठे अपना पर्चा बना सकेगा और उसे लाइन भी नही लगानी पडेगी।