जीएसवीएम में हेपेटाइटिस बी इम्यूनोग्लोबुलीन की निशुल्क सेवा हुई उपलब्ध
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। जीएसवीएम पीजीआई पीएमएसएसवाई का गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग राष्ट्रीय वायरल हेपिटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत ट्रीटमेंट सेंटर के रूप में कार्य कर रहा है। इस राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीएचसीपी) का उद्देश्य वायरल हेपेटाइटिस को नियंत्रित करना और समाप्त करना है। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य हेपेटाइटिस बी और सी के कारण होने वाली मृत्यु दर को कम करना है।
डॉ विनय कुमार विभागाध्यक्ष गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एवं नोडल एनवीएचसीपी ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत पीजीआई गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में हेपेटाइटिस बी एवं सी से संबंधित सभी जांच व इलाज की सुविधा निशुल्क उपलब्ध है। हेपटाइटिस बी से संक्रमित गर्भवती माँ से नवजात शिशु को संक्रमण रोकने के लिए आवश्यक हेपेटाइटिस बी इम्युनोग्लोबुलिन (भ्ठप्ळ) इंजेक्शन भी निशुल्क उपलब्ध हो गया है। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य हेपेटाइटिस सी को 2030 तक समाप्त करना, हेपेटाइटिस बी और सी के कारण होने वाली मृत्यु दर को कम करना व हेपेटाइटिस ए और ई के कारण होने वाली मृत्यु दर को कम करना है। इस बावत प्राचार्य डॉ संजय काला ने बताया कि यह निशुल्क इम्यूनोग्लोबुलीन इंजेक्शन उन मरीजों के लिए फायदेमंद होगा जो कि यह महंगा इंजेक्शन खरीद कर नहीं ला सकते हैं।
- कार्यक्रम के मुख्य घटक
इस कार्यक्रम का मुख्य घटक बीमारी की रोकथाम व जागरूकता पैदा करना है। टीकाकरण, रक्त और रक्त उत्पादों की सुरक्षा निदान और उपचाररू निःशुल्क निदान और उपचार की व्यवस्था तथा निगरानी और मूल्यांकन निगरानी प्रणाली के साथ संबंध स्थापित करना और अनुसंधान करना है।
- एचबीआईजी इंजेक्शन के उपयोग
डॉ विनय कुमार ने बताया कि एचबीआईजी इंजेक्शन का उपयोग नवजात शिशुओं में किया जाता है, जिनमें शिशुओं की माताएं हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित हैं। इस इंजेक्शन को नवजात शिशु को पैदा होने के चौबीस घंटे के अंदर लगाया जाता है।
हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमण की रोकथाम एचबीआईजी इंजेक्शन का उपयोग उन लोगों में किया जाता है जो हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित होने के जोखिम में हैं, जैसे कि हेल्थ वर्कर जो हेपटाइटिस बी धनात्मक मरीज के संक्रमित रक्त के संपर्क में आते हैं। साथ ही हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमण का इलाजरू एचबीआईजी इंजेक्शन का उपयोग हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए किया जाता है, खासकर उन लोगों में जो इम्यूनोसप्रेस्ड हैं या जिन्हें लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता है।