ब्रेस्ट ट्यूमर को निकाल कर पुनः नया ब्रेस्ट का किया निर्माण
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कालेज में एक महिला को ब्रेस्ट में ट्यूमर था जिसका सफल सफल कर उसे बाहर ही नही निकाला गया बल्कि उसकी जंाघ का मांस निकाल कर उसका पुनः नया ब्रेस्ट का निर्माण किया जिसका पूरा श्रेय प्लास्टिक सर्जन डा0 प्रेम शंकर को जाता है। उनके द्वारा इस सफल ऑपरेशन के लिए उन्होंने डॉ प्रेमशंकर को और उनकी टीम को बधाई दी।
प्राचार्य प्रो0 डॉ संजय काला ने प्रेसवार्ता के दौराना पत्रकारो को बताया कि महिला ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित थी। उन्होंने बताया कि जब उस महिला की बायोप्सी करायी गई तो रिजल्ट बहुत ही खराब आया। इस कैंसर को ट्रिपल निगेटिव कहा जाता है जो कि भारत में 30 प्रतिशत महिलाओ में पाया जाता है। इसमें कीमो और रेडिया इतना प्रभावी नही होता है। इस लिए महिला मरीज का ट्यूमर 15 से 20 सेमी का था जो कि उसके ब्रेस्ट से लेकर बांए ओर काख तक पहुंच गया था। इस ट्यूमर को निकालना बेहद रिस्की था। इस बावत वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ प्रेमशंकर ने बताया कि यह बहुत ही रिक्रेस केस था। उन्होंने बताया कि यह कैंसर ब्रेस्ट के विपरीत दिशा में भी प्रभावित करने लगा था। महिला का पहहले भी दो बार पेट का आपरेशन हो चुका था इस लिए उसको निकालने के लिए जगह भी नही थी। उन्होंने बताया कि अब शरीर के किसी अन्य भाग से मांस का टुकडा लाना था जिससे हमने पहले छाती में नेटिव ब्लड प्रेशर का ढूढा जिसमें हमे उसे जोडना था ताकि खून का संचार बन सके। आर्टी का कनेक्शन आर्टी से और वेन का कनेक्शन वेन से किया गया। उन्होंने बताया कि ऐसी सर्जरी एसजीपीजीआई में भी डाक्टरो ने करने से मना कर दिया था। लेकिन यह चुनौती हम सभी ने अपनाते हुए मरीज का सफल आपरेशन कर उसे नई जिन्दगी दी साथ ही उसका एक नया ब्रेस्ट भी बना दिया। इस एतिहासिक सफल आपरेशन को लेकर प्राचार्य डॉ संजय काला ने कहा कि कानपुर ही नही बल्कि पूरे उततर प्रदेश में ऐसा जटिल आपरेशन करना कुछ ही खास डॉक्टर्स कर सकते है जिनमें वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ प्रेमशंकर है जिन्होंने मरीज को नई जिन्दगी देने के साथ उसका जीवन भी खूशहाल बना दिया।