हाइड्रोपोनिक्स उत्पादन प्रणाली विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | सीएसए के शाकभाजी अनुभाग द्वारा मोबाइल एवं यूनिडो, जापान द्वारा संयुक्त रूप से आईमेक टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर हाइड्रोपोनिक्स उत्पादन प्रणाली विषय पर तीन दिवसीय व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।जिसकी अध्यक्षता कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह द्वारा की गई। अपने अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति डॉ सिंह द्वारा कहा गया कि आईमेक तकनीक जापान में विकसित एक उन्नत हाइड्रोपोनिक्स प्रणाली है जिसमें पौधों को मिट्टी के स्थान पर एक हाइड्रोफिलिक पॉलीमर फिल्म पर उगाया जाता है। जिससे लगभग 75% पानी की बचत होने तथा कृषि निवेशों का न्याय संगत प्रयोग होने से प्राकृतिक संसाधनों की बचत होती है। कुलपति द्वारा यह भी बताया गया की मिट्टी से उत्पन्न होने वाले रोग, कीड़े एवं खरपतवार सब्जी उत्पादन में एक बड़ी बाधा है जिसको आईमेक तकनीक का प्रयोग कर दूर किया जा सकता है। यह एक जलवायुनुकूल तकनीक है जिसमें फल उच्च गुणवत्ता युक्त प्राप्त होते हैं तथा उनका रंग गहरा तथा स्वाद अच्छा होता है।प्रशिक्षण कार्यक्रम के कोर्स निदेशक डॉ पी के सिंह द्वारा बताया गया कि प्रशिक्षण के माध्यम से युवा उद्यमियों, किसनो, शोध छात्रों को आईमेक तकनीक के विषय में कौशल विकास किया जाएगा।जिससे कृषि आधारित रोजगार सृजन होगा। उन्होंने कहा कि जापान के द्वारा विकसित इस तकनीक से सब्जियां विशेष कर चेरी टमाटर की संरक्षित खेती में देश में एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है। शाकभाजी अनुभाग के प्रभारी डॉ केशव आर्या द्वारा बताया गया कि आईमेक तकनीक का प्रयोग कर सूखा प्रभावित क्षेत्रों तथा समस्या ग्रस्त मृदाओं में भी बड़ी आसानी से टमाटर की खेती की जा सकती है प्रशिक्षण के कोर्स समन्वयक डॉ राजीव द्वारा बताया गया कि कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न सुप्रसिद्ध वैज्ञानिकों द्वारा हाइड्रोपोनिक्स प्रणाली से संबंधित विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिया जाएगा तथा प्रशिक्षार्थियों को भ्रमण के साथ-साथ प्रयोगात्मक कार्य भी कराया जाएगा जिससे वह तकनीकी रूप से समृद्ध होंगे।
कार्यक्रम में डॉ सुरु हीरातसुका, यूनिडो, जापान, डॉ योशिका, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मेबाइल , जापान, डॉ सुशील यामोटा, जापान कॉरपोरेशन, रेखा जैन यूनिडो प्रतिनिधि नई दिल्ली ऑनलाइन के माध्यम से तथा अधिष्ठाता उद्यान, अधिष्ठाता वानिकी, निदेशक प्रसार आदि विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम में उपस्थिति रहे।