यूपीयूएमएस में 47 वर्षीय हृदय रोगी की सर्जरी कर किया गया "सीआरटी-डी" इम्प्लांटेशन
*मुख्यमंत्री असाध्य रोग योजना के लाभार्थी गंगादयाल को मिला नया जीवन।
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस सैफई इटावा त्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के हृदय रोग विभाग के डॉक्टर्स की टीम द्वारा 47 वर्षीय गंगादयाल की सर्जरी कर"सीआरटी-डी" डिवाइस को इम्प्लांटेशन कर उन्हें नया जीवन प्रदान किया गया।"मुख्यमंत्री असाध्य रोग योजना" के तहत रोगी का इलाज भी निशुल्क हुआ।
कार्डियोलॉजी विभागध्यक्ष प्रो. डॉ सुभाष चंद्रा ने बताया कि गंगादयाल की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी और यह डिवाइस को लगवाने का लगभग खर्च ₹6 लाख रुपए था लेकिन इस योजना के तहत उनका इलाज निशुल्क हुआ और हमारे डॉक्टर्स डॉ विजय गैरोला,डॉ प्राची व टेक्नीशियन स्टाफ श्री राकेश ठाकुर,श्री ऋषि कुशवाहा के संयुक्त प्रयास से सर्जरी कर इस डिवाइस को इम्प्लांटेशन किया गया,मरीज भी अब बेहतर सुधार की तरफ बढ़ रहा है।
आइए जानते हैं क्या है"सीआरटी-डी" इम्प्लांटेशन
"सीआरटी-डी"का पूरा नाम "कार्डियक रीसिंक्रोनाइज़ेशन थेरेपी डिफिब्रिलेटर"है।कार्डियक रीसिंक्रोनाइज़ेशन थेरेपी (सीआरटी) हृदय की धड़कन की सामान्य लय (समय पैटर्न) को बहाल करने में मदद करने के लिए किया जाने वाला उपचार है। डॉ सुभाष ने बताया कि यह डिवाइस हार्ट के पंपिंग को बेहतर करती है और हृदय गति की अनियमितताएं जो जानलेवा साबित हो सकती है उनको नियंत्रित कर मृत्यु के खतरे को कम करती है इसीलिए इस डिवाइस से हृदय रोगियों को एक नया जीवन मिल जाता है। उन्होंने बताया ऐसे मरीज जिनके हृदय के पंप करने की क्षमता कार्डियोमायोपैथी के कारण 30 से 35% तक कम हो जाती है उनके लिए यह डिवाइस बहुत ही कारगर सिद्ध होगी ।
कार्डियोलॉजी विभाग के द्वारा की गई सफल सर्जरी के लिए माननीय कुलपति प्रो डॉ पीके जैन, प्रतिकूलपति डॉ रमाकांत, चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसपी सिंह ने डॉक्टर की टीम को बधाई दी और मरीज के बेहतर स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं दी।