आईएमए ने मनाया 11वां विश्व योग दिवस
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। 11वें विश्व योग दिवस के अवसर पर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कानपुर शाखा द्वारा, 21 जून 2025 को सुबह 7:00 बजे, "योग शिविर" का आयोजन आई.एम.ए. परिसर, परेड, कानपुर में किया गया। इस योग शीविर में कानपुर के प्रतिष्ठित चिकित्सकों ने भाग लिया।
आई०एम०ए० कानपुर की अध्यक्ष डा० नंदिनी रस्तोगी ने, कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आये हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए योग के महत्व पर प्रकाश डाला और इससे होने वाले फायदे को बताया। उन्होंने कहा कि फास्ट, फाइड, जंक फूड, शील्ड फूड या पेय यदा कदा ही लें। सलाद, सीजन के फल, आंकुरित अनाज से जीवनी शक्ती बढ़ती है। ये नैसर्गिक जीवंत अहार है। रोग कारक विजातीय तत्व को शरीर से बाहर निकालते है। उन्होंने ये भी बताया कि योग करने से मधुमेह, हृदय रोग हड्डी एवं जोड़ रोग पेट रोग जैसी बीमारियो से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है तथा सुबह योग करने से मनुष्य स्वस्थ एवं निरोग रहता है। इसी क्रम में योगाचार्य डॉ रविन्द्र पोरवाल ने बताया कि, योग के आसनों को शास्त्रों में बताए हुए विधि विधान से ही करना चाहिए आसन के अभ्यास के समय थोड़ी सी भी गलती आसन की मूल लाभ से वंचित कर देती है और हमें केवल व्यायाम का फायदा मिलता है। उन्होंने वजन कम करने के लिए अश्व चालान आसन और विमानासन को बहुत महत्वपूर्ण बताया। दो पोरवाल के अनुसार बिना परहेज सामान्य आहार रखते हुए बिना कोई दवा खाए हुए केवल 5 मिनट सुबह और 5 मिनट शाम को इन दो योग क्रियो को करने से एक महीने में दो से तीन किलोग्राम वजन प्राकृतिक रूप से कम हो जाता है। उन्होंने हृदय रोगियों के लिए पच्छी आसन, और डिप्रेसिव एंजायटी से बचने के लिए चरण आसन का 2 मिनट तक अभ्यास उपयोगी बताया । डा. पोरवाल ने कहा कि चरण आसान गुस्सा चिड़चिड़ापन को काम करके गहरी और शांत नींद लाता है पढ़ने वाले विद्यार्थियों की याददाश्त बढ़ाने के लिए भी यह अच्छा आसन है। वही आई०एम०ए० कानपुर के सचिव, डॉ. विकास मिश्रा ने बताया कि भोजन में सफेद चीनी, सफेद नमक, सफेद घी (रिफाइन्ड डालडा) यदा-कदा ही प्रयोग करें, ये बहुत हानिकारक, असाध्यरोग उत्पादन करते है, विजातीय तत्व अधिक बनाते हैं। पंचसन्ती रस पेय टमाटर, गाजर, चुकंदर, पालक, हरी धनिया को ग्राइंडर में पीसकर छानकर सेंधा नमक के साथ एक कप नित्य लेना स्वास्थ के लिये लाभदायक है। बीमारियों से पीडित होने का कारण व्यक्ति स्वयं है क्योंकि उसकी जीवन शैली प्रकृति के प्रतिकूल हो गई है, खान-पान दूषित व रसायन युक्त हो गया है, काम करने की मुद्राएं भी सही नहीं रही, उसके पंचतत्वों में विषमता आ गई है तथा प्रदूषण के प्रभाव में रहता है और रोगप्रतिरोधक शक्ति बहुत कमजोर हो गई है। योग कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. अवध दुबे, चेयरमैन, आध्यात्मिक सब कमेटी, डॉ. संजय रस्तोगी, कार्यक्रम समन्वयक, डॉ. उमेश पालीवाल, संयोजक आध्यात्मिक सब कमेटी, डॉ. दीपक श्रीवास्तव, वित्त सचिव, डॉ. मीरा अग्निहोत्री, डॉ. ए.सी. अग्रवाल, डॉ. रीता मित्तल, डॉ. अनुराग मेहरोत्रा, डॉ. रागिनी मिश्रा, डॉ. कल्पना दीक्षित, डॉ. यू.सी. सिन्हा, डॉ. किरन सिन्हा, डॉ. गौतम दत्ता, डॉ. सुशील कुमार, डॉ. पी.के. जैन, डॉ. एम.पी. शर्मा , डॉ. दिलीप अग्रवाल, डॉ. किरन अग्रवाल, डॉ ए.पी. सिंह, डॉ. रेशमा निगम,एवं बढ़ि संख्या में अन्य चिकित्सक,प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।