कार्डियक लाइफ सपोर्ट स्किल्स एवं फर्स्ट एड वर्कशॉप
U-भविष्य के चिकित्सकों को मिला जीवन रक्षक प्रशिक्षण
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर I पं. जवाहरलाल नेहरू राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, कानपुर के सभागार में इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के सहयोग से “कार्डियक लाइफ सपोर्ट स्किल्स एवं फर्स्ट एड वर्कशॉप” का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों को आपातकालीन स्थितियों में प्राथमिक चिकित्सा देने के लिए प्रशिक्षित करना और उनमें जीवन रक्षक तकनीकों का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना था। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसका उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. हर्षवर्धन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ संकाय सदस्य प्रो. डॉ. देवेंद्र कुमार, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के मास्टर ट्रेनर एवं मुख्य प्रशिक्षक आपदा प्रबंधन लखन कुमार शुक्ला तथा रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव आर के सफ़्फ़ार ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों ने कार्यशाला की प्रासंगिकता और समाज में इसकी उपयोगिता पर अपने विचार साझा किए कार्यशाला का संचालन लखन शुक्ला द्वारा किया गया, जिन्होंने अत्यंत सहज और प्रभावशाली ढंग से प्राथमिक चिकित्सा से जुड़ी तकनीकों को विस्तारपूर्वक समझाया। उन्होंने दुर्घटना के समय घायल व्यक्ति की मदद के लिए हाथ, पैर, पसलियों और सिर की हड्डी टूटने की स्थिति में की जाने वाली कार्यवाही, मल्टीपल इंजरी, सर्पदंश, जलने की चोट, स्ट्रेचर के प्रयोग, कटे हुए अंगों से रक्तस्राव को रोकने तथा बेहोश व्यक्ति को होश में लाने जैसे विविध पहलुओं को शामिल किया। साथ ही, उन्होंने CPR (Cardio Pulmonary Resuscitation) की विभिन्न विधियों को छात्रों को सिखाया, जिसमें बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों के लिए CPR की तकनीकों का डेमो भी प्रस्तुत किया गया।इस कार्यशाला के सफल आयोजन में प्रोफेसर डॉ. नीतू सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके अतिरिक्त प्रो. डॉ. शिवेंद्र कुमार पटेल एवं प्रो. डॉ. सुशील एस. दुबे ने भी कार्यक्रम की संरचना, सामग्री और संचालन में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने पूरे कार्यक्रम की योजना, समन्वय और संचालन को अत्यंत व्यवस्थित और अनुशासित ढंग से संपन्न किया। उनके अथक प्रयासों और नेतृत्व क्षमता के कारण ही यह कार्यशाला अत्यंत सफल सिद्ध हुई कार्यक्रम के अंत में रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव श्री सफ़्फ़ार ने रक्तदान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एक यूनिट रक्त तीन लोगों की जान बचा सकता है। उन्होंने रक्तदान को एक नैतिक, सामाजिक और मानवीय उत्तरदायित्व बताते हुए छात्रों को इसके लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकों – प्रो. डॉ. सुशील एस. दुबे, प्रो. डॉ. अजीत कुमार द्विवेदी, प्रो. डॉ. श्यामसुंदर त्रिपाठी, रीडर डॉ. एस. के. शुक्ला, सहायक प्राध्यापक डॉ. गजेन्द्र सिंह और डॉ. प्रतिभा यादव – की गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन की शोभा बढ़ाई।कार्यशाला में बीएचएमएस के स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों ने अत्यंत उत्साह और सक्रियता के साथ भाग लिया। छात्रों को व्यावहारिक अनुभव देने हेतु CPR और First Aid की तकनीकों का अभ्यास भी करवाया गया। अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए, जिससे उनमें आत्मविश्वास और प्रेरणा का संचार हुआ।इस प्रकार यह कार्यशाला न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से, बल्कि मानवीय सेवा और सामाजिक उत्तरदायित्व की दृष्टि से भी अत्यंत सफल और प्रेरणादायी रही। ऐसे आयोजन भावी चिकित्सकों को आपातकालीन परिस्थितियों में सक्षम बनाने के साथ-साथ समाज सेवा की भावना भी जागृत करते हैं।