संतुलन, सकारात्मक दृष्टिकोण और सहानुभूति एक अच्छे चिकित्सक की मूल पहचान
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर। जी.एस.वी.एम. मेडिकल कॉलेज, कानपुर के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में बुधवार को प्रसिद्ध हैप्पीनेस कोच, मोटिवेशनल स्पीकर एवं स्पिरिचुअल मेंटर वंदना श्रीवास्तव द्वारा एक प्रेरणादायी सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभाग के फैकल्टी, रेज़िडेंट्स और इंटर्न्स ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. रेनू गुप्ता ने कहा कि भावनात्मक संतुलन, सकारात्मक दृष्टिकोण और सहानुभूति एक अच्छे चिकित्सक की मूल पहचान हैं, जो सीधे बेहतर मरीज-देखभाल को प्रभावित करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम एटकॉम मॉड्यूल के अनुरूप हैं और एनएमसी द्वारा अपेक्षितहै। डॉ. गुप्ता ने यह भी बताया कि संवेदनशील और संतुलित चिकित्सक मरीजों के साथ भरोसेमंद संबंध स्थापित करते हैं, जिससे उपचार की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होता है। इसी क्रम में डॉ वंदना श्रीवास्तव सत्र में कहा कि खुशी को एक आंतरिक अनुभूति बताते हुए सेल्फ केयर और सकारात्मक संचार के महत्व पर विस्तृत चर्चा की। उनका मुख्य संदेश था कि डॉक्टरों का मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य उनकी कार्यक्षमता और मरीजों के प्रति व्यवहार को सीधे प्रभावित करता है। “एक खुश, शांत और मानसिक स्वस्थ्य डॉक्टर ही दूसरों को वास्तविक रूप से डील कर सकता है।” कार्यक्रम के अंत में विभाग द्वारा सिस्टर प्रीता रॉल्स्टन को प्रशंसा-पत्र प्रदान किया गया। यह सम्मान एक बेसहारा गर्भवती महिला की देखभाल और उसके सुरक्षित स्थानांतरण में उनके मानवीय, संवेदनशील और अनुकरणीय प्रयासों की सराहना में दिया गया।