एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर ने किया मेंटर्स मीट 2025 का आयोजन
U-मेंटाॅरशिप हमारे स्टार्टअप इकोसिस्टम की रीढ़ अनुराग सिंह
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | स्टार्टअप इन्क्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआईआईसी), आईआईटी कानपुर ने ताज विवांता, द्वारका में पहला इन-पर्सन मेंटर्स मीट 2025 आयोजित किया। इस कार्यक्रम में एसआईआईसी ने विभिन्न मेंटर्स को एक साथ लाते हुए सहयोग को मजबूत करने और भारत के तकनीक आधारित स्टार्टअप इकोसिस्टम को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास किया।यह प्रारंभिक प्रत्यक्ष मुलाकात, मेंटर्स के लिए एक अहम अवसर साबित हुआ, जहां उन्होंने एक-दूसरे की विशेषज्ञता को समझा, साझा प्राथमिकताओं पर सहमति बनाई और यह जाना कि एकजुट मेंटर नेटवर्क स्टार्टअप्स को समय पर, विशेषज्ञ और सामूहिक समर्थन देकर उनकी प्रगति को कैसे तेज कर सकता है। इस मीट के जरिए भारत की नवाचार यात्रा के तीन मुख्य स्तंभ – मेंटर्स, स्टार्टअप्स और निवेशकों, को बड़े स्तर पर प्रभाव लाने के लिए इन तीनों के बीच तालमेल बिठाने सहित विचारों को मजबूत करने का प्रायस रहा। कार्यक्रम की शुरुआत एसआईआईसी के सीईओ अनुराग सिंह के प्रेरक संबोधन से हुई। उन्होंने बताया कि डीप-टेक नवाचार का भविष्य तभी मजबूत होगा जब व्यक्तिगत मार्गदर्शन के साथ-साथ एक ऐसा मेंटर समुदाय हो, जो आपस में जुड़कर अपने साझा ज्ञान और अनुभव को आगे बढ़ा सके। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, “मेंटॉरशिप हमारे स्टार्टअप इकोसिस्टम की रीढ़ है”। “आज की इस मीट का उद्देश्य केवल बातचीत तक सीमित नहीं था, बल्कि यह एक ऐसे एकीकृत मेंटर नेटवर्क को विकसित करने की रणनीतिक पहल थी, जो गतिशीलता, समन्वय और साझा लक्ष्य के साथ काम करे। जब मेंटर्स बिना किसी रुकावट के मिलकर काम करते हैं, तो स्टार्टअप्स को वह आत्मविश्वास, स्पष्टता और मार्गदर्शन मिलता है, जिसकी मदद से वे भारत और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण नवाचारों को बड़े स्तर तक ले जा सकते हैं।“सीईओ के संबोधन के बाद, एसआईआईसी के प्रोफेसर-इन-चार्ज प्रो. दीपू फिलिप ने भी इस विजन को आगे बढ़ाते हुए अपने विचार साझा किए। उन्होंने SIIC की बढ़ती नवाचार क्षमता के बारे में बताया और यह भी समझाया कि एक मजबूत और जुड़ा हुआ मेंटर नेटवर्क कैसे टेक्नोलॉजी आधारित स्टार्टअप्स की प्रगति को तेज कर सकता है और उन्हें बदलते दौर के अनुरूप आगे बढ़ा सकता है।कार्यक्रम के दौरान “मेंटॉरशिप एक्सपीरियंस बाय स्टार्टअप्स” नामक सत्र आयोजित हुआ, जिसे हरी हेगड़े ने संचालित किया। इसमें स्टार्टअप संस्थापकों ने साझा किया कि कैसे मेंटर्स ने कठिन परिस्थितियों, विनियामक चुनौतियों, तकनीकी सत्यापन, निवेशकों से जुड़ाव और महत्वपूर्ण निर्णयों में उनका मार्गदर्शन किया। इन अनुभवों ने यह स्पष्ट किया कि एसआईआईसी की असली ताकत उसके मेंटर समुदाय के अनुभव और क्षमता में है।अंत में, अनुराग सिंह ने भविष्य की योजना पर जोर देते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य स्पष्ट है — एसआईआईसी को भारत में एक समन्वित मेंटरशिप का सर्वोत्तम मॉडल बनाना। जब मेंटर्स एकजुट होकर काम करते हैं, तो हम केवल स्टार्टअप्स का मार्गदर्शन नहीं करते, बल्कि राष्ट्रीय नवाचार को गति देते हैं।”मेंटर्स मीट 2025 एक नए संकल्प, स्पष्ट दिशा और इस साझा विश्वास के साथ सम्पन्न हुई कि सीईओ द्वारा प्रस्तुत एकजुट मेंटर नेटवर्क का विजन ही भारत में डीप-टेक नवाचार को आगे बढ़ाएगा।