अदम्य साहस का परिचय देकर पुलिस टीम ने बचाई यात्रियों की जान |
-पुलिसकर्मियों को किया गया सम्मानित |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | रामादेवी पुल पर अचानक आग पकड़ चुकी बस में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए कानपुर नगर पुलिस की टीम ने अदम्य साहस, कर्तव्यपरायणता और त्वरित निर्णय क्षमता का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। बस ऊपर की ओर से तेज लपटों में घिर चुकी थी और स्थिति अत्यंत गंभीर हो चुकी थी। यदि कुछ क्षण और बीत जाते तो बड़ा हादसा हो सकता था। इस संकटपूर्ण स्थिति में पुलिस टीम ने बिना समय गंवाए साहसिक रेस्क्यू अभियान चलाकर सभी यात्रियों की जान बचा ली।
घटना का विस्तृत विवरण-
डायवर्जन के चलते रामादेवी पुल पर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों ने जब बस में आग लगती देखी, तो तत्काल रेस्क्यू के लिए दौड़ पड़े। उप निरीक्षक वीरेंद्र सिंह यादव, 2023 बैच, थाना बादशाही नाका, लगभग 700 मीटर दूर से दौड़कर मौके पर पहुँचे। उन्होंने बिना किसी विलंब के सभी सो रहे यात्रियों को निंद से जगाकर बाहर निकालने की प्राथमिकता तय की। उनके साथ यातायात पुलिस लाइन से आए पुलिसकर्मियों ने तुरंत मिलकर रेस्क्यू शुरू किया और एक-एक यात्री को सुरक्षित बाहर निकाला। सभी यात्रियों के सुरक्षित निकलने के कुछ क्षण बाद टायर और डीजल टैंक फटने से चार बड़े धमाके हुए, जिससे स्थिति की भयावहता का अंदाजा स्पष्ट हो गया। साहसिक रेस्क्यू में शामिल पुलिसकर्मी- टीआई राजेश कुमार मिश्रा, पूर्वी जोन प्रथम उप निरीक्षक वीरेंद्र सिंह यादव, थाना बादशाही नाका
मुख्य आरक्षी 1432 महेश बाबू, यातायात पुलिस लाइन, कानपुर नगर आरक्षी 75 AP पुष्पेंद्र कुमार, यातायात पुलिस लाइन, कानपुर नगर आरक्षी साहिल खान, यातायात पुलिस लाइन, कानपुर नगर इन सभी पुलिसकर्मियों ने अदम्य साहस, संयम और त्वरित निर्णय क्षमता का प्रदर्शन करते हुए यात्रियों की जान बचाकर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया।सम्मान समारोह-इस साहसिक कार्य के उपलक्ष्य में आज अमर उजाला समाचार पत्र भवन, कानपुर नगर में एक विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया गया। सम्मान समारोह में संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) आशुतोष कुमार, स्टाफ ऑफिसर अमरनाथ यादव सहित अमर उजाला समाचार पत्र के अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे। अमर उजाला के सम्पादक, कानपुर नगर उपस्थित रहे। अमर उजाला सम्पादक, कानपुर नगर द्वारा उपरोक्त सभी पुलिसकर्मियों को विशेष सम्मान प्रदान किया गया, और उनके साहसिक कार्य की खुलकर प्रशंसा की गई।