विकास भवन के कॉल सेंटर की दैनिक मॉनिटरिंग से चमका स्वच्छता तंत्र |
- नियमित सफाई और सतत निगरानी से बदली सामुदायिक शौचालयोंऊ की तस्वीर |
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | विकास भवन स्थित कॉल सेंटर से जनपद के सभी सामुदायिक शौचालयों की दैनिक मॉनिटरिंग शुरू होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता प्रबंधन की कार्यप्रणाली में लगातार सुधार देखने को मिल रहा है। नियमित कॉलिंग, समयबद्ध फीडबैक और समीक्षा के चलते अब शौचालय पहले से कहीं अधिक साफ-सुथरे दिखाई दे रहे हैं और केयरटेकरों का मानदेय भी समय से सुनिश्चित हो रहा है। यह पहल अब जनपद में स्वच्छता व्यवस्था को मजबूत करने का एक प्रभावी माध्यम बनकर सामने आई है। जनपद में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत निर्मित सामुदायिक शौचालयों की क्रियाशीलता, संचालन और केयरटेकरों के मानदेय भुगतान की स्थिति को परखने के लिए कॉल सेंटर के माध्यम से सभी ग्राम पंचायत सचिवों, नामित स्वयं सहायता समूहों, केयरटेकरों और ग्राम प्रधानों से सीधे संपर्क किया गया। इस सत्यापन में 103 ग्राम पंचायतों में मानदेय भुगतान लंबित और 38 सामुदायिक शौचालय अक्रियाशील पाए गए। स्थिति को संज्ञान में लेते हुए संबंधित ग्राम पंचायतों को एक सप्ताह का समय दिया गया और 26 सचिवों के विरुद्ध कार्य प्रगति न होने की दशा में वेतन रोके जाने की कार्रवाई की गई।इसके बाद कॉल सेंटर से प्रतिदिन प्रगति ली जाने लगी। हर पंचायत से लगातार यह जानकारी प्राप्त की जाती रही कि शौचालय खुला है या नहीं, सफाई की व्यवस्था कैसी है, पानी और बिजली की स्थिति दुरुस्त है या नहीं तथा केयरटेकर को उसका मानदेय मिला या नहीं। इस सतत निगरानी का सकारात्मक परिणाम यह रहा कि 103 ग्राम पंचायतों में से 92 ग्राम पंचायतों ने केयरटेकरों का बकाया मानदेय भुगतान कर दिया और 38 में से 36 सामुदायिक शौचालय पूरी तरह क्रियाशील कर दिए गए।इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन ने कहा कि कॉल सेंटर से की जा रही दैनिक निगरानी का उद्देश्य शौचालयों की वास्तविक क्रियाशीलता सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि नियमित फीडबैक और औचक सत्यापन के कारण अब ग्राम स्तर पर जवाबदेही बढ़ी है और स्वच्छता व्यवस्था धरातल पर मजबूत हुई है। ग्राम स्तर पर की गई कार्यवाहियों की पुष्टि ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर दर्ज भुगतान, विकास खंड स्तर पर सहायक विकास अधिकारियों और खंड प्रेरकों द्वारा किए गए औचक निरीक्षण तथा मौके से प्राप्त फोटो और वीडियो के माध्यम से की गई। पतारा विकास खंड की ग्राम पंचायत बम्बुराहा और सराय में मुनिया और सरोजनी देवी को नए केयरटेकर के रूप में चयनित किया गया। ककवन विकास खंड की ग्राम पंचायत चंद्रपुरा में पुष्पा को तथा ग्राम पंचायत मकसूदाबाद में श्वेता कमल को केयरटेकर की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसी तरह ग्राम पंचायत जरारी, इंदलपुर शिवराजपुर और प्रधानपुर में आंशिक कमियों को दूर कर सामुदायिक शौचालयों को पुनः पूरी तरह क्रियाशील किया गया। पर्याप्त समय देने के बाद भी लापरवाही बरतने वाले दो सचिव राज कमल कटियार और आदर्श परासर को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि निर्गत की गई, जिससे विभागीय स्तर पर अनुशासन और जवाबदेही का स्पष्ट संदेश गया। जिला पंचायत राज अधिकारी मनोज कुमार ने कहा कि कॉल सेंटर आधारित निगरानी से पंचायत स्तर पर कार्यों में पारदर्शिता आई है और अब किसी भी स्तर पर लापरवाही तुरंत पकड़ में आ जाती है। इस पहल का मानवीय प्रभाव भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है। केयरटेकरों को समय पर मानदेय मिलने से विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं। गांवों में नियमित रूप से साफ-सुथरे और चालू सामुदायिक शौचालयों से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सुविधाजनक और सम्मानजनक स्वच्छता सुविधा मिल रही है, जिससे स्वास्थ्य स्तर में भी सकारात्मक सुधार देखा जा रहा है।