अपनी माटी अपने शहर के विकास के लिए आगे आएं उद्यमी:डीएम
*सीएसआर से जनपद के विकास को नई गति दें : जिलाधिकारी
*जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों की सूची वेबसाइट पर रहेगी उपलब्ध, कॉरपोरेट चुन सकेंगे कार्य
कलेक्ट्रेट सभागार में आज देर शाम आयोजित सीएसआर समिति की बैठक में जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने जनपद के उद्योग प्रतिष्ठानों और उद्यमियों से अपेक्षा जताई कि वे अपनी माटी, अपने शहर की भावना के साथ आगे आएँ और सीएसआर फंड को स्थानीय विकास से जोड़ें। उन्होंने कहा कि उद्योगों का सहयोग जनपद के लिए केवल वित्तीय समर्थन भर नहीं है, बल्कि सामाजिक सरोकारों को मजबूत बनाने का एक प्रभावी माध्यम भी है। यदि कंपनियाँ अपनी सीएसआर नीति के अनुरूप जनपद की प्राथमिक जरूरतों से जुड़े कार्यों में निवेश बढ़ाएँ, तो स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में ठोस सुधार तेजी से दिखाई देंगे।
जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि अपने-अपने विभागों में कराए जाने योग्य जनहित कार्यों की एक विस्तृत सूची तैयार करें। इन प्रस्तावों को एनआईसी पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे कंपनियाँ अपनी सीएसआर नीति के अनुसार उपयुक्त परियोजनाओं का चयन कर सकें। उन्होंने कहा कि अक्सर कंपनियाँ यह तय नहीं कर पातीं कि सीएसआर फंड किस दिशा में लगाया जाए। स्पष्ट, वस्तुनिष्ठ और विभागवार सूची उपलब्ध होने से न केवल चयन आसान होगा, बल्कि परियोजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन में भी सुविधा मिलेगी। इससे विभागीय संसाधनों में वृद्धि होगी और कई महत्वपूर्ण योजनाओं को तेज गति मिल सकेगी।
कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 के अनुसार वे कंपनियाँ सीएसआर पर व्यय करने के लिए बाध्य हैं जिनका नेटवर्थ 500 करोड़ रुपये या उससे अधिक, टर्नओवर 1000 करोड़ रुपये या उससे अधिक, अथवा शुद्ध लाभ 5 करोड़ रुपये से अधिक हो। इन कंपनियों को पिछले तीन वित्तीय वर्षों के औसत शुद्ध लाभ का कम से कम दो प्रतिशत सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना अनिवार्य है। सीएसआर फंड का उपयोग मुख्यतः स्वास्थ्य व स्वच्छता, शिक्षा व कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, कला व विरासत संरक्षण, खेल प्रोत्साहन, अनुसंधान व नवाचार, ग्रामीण विकास, झुग्गी उन्नयन तथा आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में किया जाता है। इन गतिविधियों की संस्तुति और अनुश्रवण जिला स्तरीय समिति करती है, जिससे पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित हो सके।
जिलाधिकारी ने कंपनियों से कहा कि जनपद की प्राथमिक जरूरतों, विशेषकर स्वास्थ्य ढाँचे को मजबूत करने, सरकारी विद्यालयों के उन्नयन, कौशल विकास केंद्रों की स्थापना, स्वच्छता बुनियादी ढाँचे, जल संरक्षण तथा हरित क्षेत्र विस्तार जैसे क्षेत्रों में सीएसआर फंड का उपयोग किए जाने की व्यापक संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि सही दिशा में किया गया निवेश न केवल जनपद के विकास को गति देगा, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व निभाने की एक मिसाल भी बनेगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, उपयुक्त उद्योग अंजनीश तथा एचएएल, इंडियन ऑयल (पनकी), एनटीपीसी, सहित विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।