छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने पर दी गई तकनीकी जानकारियां
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस कानपुर | सीएसए के प्रसार निदेशालय में एक दिवसीय पोषक अनाजों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।विश्वविद्यालय के निदेशक शोध डॉ आरके यादव ने मुख्य अतिथि को अंग वस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉक्टर संजय सिंह ने प्रशिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि श्री अन्न मानव स्वास्थ्य, मृदा स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही लाभकारी है तथा यह जलवायु अनुकूल भी हैं।उन्होंने कहा की श्रीअन्न जैसे ज्वार, बाजरा,रागी, सावा, कोदों आदि को अपने भोजन में अवश्य शामिल करें। उन्होंने बताया कि श्रीअन्न मोटे अनाजों का एक समूह है, जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, कुटकी, कंगनी, और सांवा, जो पोषक तत्वों (फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन) से भरपूर होते हैं और ग्लूटेन-मुक्त होते हैं, जिससे ये स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं और इन्हें सुपरफूड भी कहा जाता है, जिन्हें सरकार बढ़ावा दे रही है। निदेशक शोध डॉ आरके यादव ने कहा कि देश में श्री अन्न (मोटे अनाज) का रकबा लगभग 69.70 लाख हेक्टेयर (2023-24) है, जिसमें उत्तर प्रदेश दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसका रकबा लगभग 12.45 मिलियन हेक्टेयर (लगभग 8.06%) है, जबकि राजस्थान सबसे आगे है, और यूपी में मोटे अनाज की खेती लगातार बढ़ रही है, जिससे किसानों को फायदा हो रहा है। डॉ विजय यादव विभाग अध्यक्ष अनुवांशिकी विभाग ने कहा की यह सभी अनाज उच्च पोषणमानयुक्त होते हैं जो शरीर में काफी लाभकारी हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन किया गया।कार्यक्रम आयोजक सचिव डॉ श्वेता ने श्रीअन्न फसलों के बारे में विस्तार से सभी को जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन शोध छात्रा वैष्णवी ने किया।कार्यक्रम में छात्र छात्राओं एवं फैकेल्टी सदस्यों को प्रमाण पत्र की वितरित किए गए। इस कार्यक्रम में डॉक्टर लोकेंद्र, डॉ सोमवीर,डॉ सीमा सोनकर सहित अन्य प्रोफेसर एवं वैज्ञानिक उपस्थित रहे।
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