यूपीयूएमएस में सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
*निशुल्क सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण कार्यक्रम के तहत पहला टीका लगवाने वाली 9 वर्षीय आर्या
हिंदुस्तान न्यूज़ एक्सप्रेस सैफई/इटावा
उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (यूपीयूएमएस), सैफई में सोमवार को स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के तत्वावधान में सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर 9 वर्षीय आर्या को सर्वाइकल कैंसर से बचाव हेतु एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) वैक्सीन का टीकाकरण भी कराया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माननीय कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने कहा कि यदि सर्वाइकल कैंसर एवं ब्रेस्ट कैंसर का पता प्रारंभिक अवस्था में लग जाए तो इनका सफल उपचार संभव है। इसके लिए नियमित स्क्रीनिंग एवं सामुदायिक जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए सभी महिलाओं से अपील की कि वे ओपीडी में आकर नियमित रूप से अपनी सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग अवश्य कराएं।
इस अवसर पर स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) कल्पना कुमारी ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम हेतु महिलाओं की स्क्रीनिंग के साथ-साथ इस कार्यक्रम के माध्यम से माननीय कुलपति के निर्देशन में 300 डोज एचपीवी वैक्सीन निःशुल्क लगाए जाने का संकल्प लिया गया है। विभाग द्वारा सामुदायिक जागरूकता के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण क्यों है आवश्यक
प्रोफेसर (डॉ.) कल्पना कुमारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन, जिसे एचपीवी वैक्सीन भी कहा जाता है, यह वैक्सीन शरीर में एंटीबॉडी विकसित कर भविष्य में होने वाले एचपीवी संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करती है।
उन्होंने बताया कि 9 से 14 वर्ष की आयु में यह वैक्सीन दो खुराक में दी जाती है, जबकि अधिक आयु वर्ग में तीन खुराक की आवश्यकता होती है।
9 वर्षीय आर्या ने की अभिभावकों से अपील
कार्यक्रम में सर्वप्रथम 9 वर्षीय आर्या का टीकाकरण किया गया। आर्या ने सभी माता-पिता से अपील करते हुए कहा कि उन्होंने आज टीकाकरण कराया है और वह बहुत खुश हैं। उन्होंने सभी अभिभावकों से अपनी बच्चियों का टीकाकरण अवश्य कराने की अपील की।
कार्यक्रम में चिकित्सकगण, स्त्री एवं प्रसूति विभाग संकाय सदस्य, नर्सिंग स्टाफ, छात्र-छात्राएं एवं बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं।